डॉल्फिन को हम अक्सर मछली समझने की भूल कर देते हैं लेकिन वास्तव में डॉल्फिन एक मछली नहीं है। वह तो एक स्तनधारी प्राणी है। जिस तरह व्हेल एक स्तनधारी प्राणी है वैसे ही डॉल्फिन भी इसी श्रेणी में आती है। यह एक छोटी व्हेल की ही तरह है। डॉल्फिन का रहने का ठिकाना संसार के समुद्र और नदियां हैं। यह सबसे समझदार जीव है। जिसे हर कोई व्यक्ति पसंद करता है।
1. डॉल्फिन को अकेले रहना पसंद नहीं है यह सामान्यत: समूह में रहना पसंद करती है। इनके एक समूह में 10 से 12 सदस्य होते हैं।
2. भारत में डॉल्फिन गंगा नदी में पाई जाती है।
3. डॉल्फिन की एक बड़ी खासियत यह है कि यह कंपन वाली आवाज निकालती है जो किसी भी चीज से टकराकर वापस डॉल्फिन के पास आ जाती है। इस कंपन से डॉल्फिन को पता चल जाता है कि शिकार कितना बड़ा और कितने करीब है।
4. डॉल्फिन आवाज और सीटियों के द्वारा एक दूसरे से बात करती हैं। यह 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तैर सकती है।
5. डॉल्फिन 10-15 मिनट तक पानी के अंदर रह सकती है लेकिन वह पानी के अंदर सांस नहीं ले सकती। उसे सांस लेने के लिए पानी की सतह पर आना पड़ता है।