आज से प्रारंभ हुआ पौष माह, इस तरह करें सूर्य देव की आराधना

हिन्दू धर्म में हर माह का विशेष महत्व रखता हैं। आज 31 दिसंबर 2020 से पौष माह का प्रारंभ हुआ हैं जो कि 28 जनवरी 2021 तक जारी रहने वाला हैं। यह माह मुख्य रूप से सूर्य देव को समर्पित माना जाता हैं और इसमें उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। सूर्य देव की आराधना कर उनसे जीवन में सकारात्मकता फैलाने का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह सूर्य देव की आराधना करनी हैं ताकि आपको पूर्ण फल मिल सकें।

शास्त्रों के अनुसार रविवार का दिन विशेष तौर पर सूर्य देव को समर्पित है। धार्मिक पुराणों में सूर्य को प्रधान देवता माना गया है। मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए हर महीने सूर्यदेव की विशिष्ट रूप की पूजा का विधान बताया गया है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार पौष के महीने में भग नामक सूर्य की उपासना होती है। अथर्ववेद और सूर्योपनिषद में सूर्य देव को परब्रह्म माना गया है। शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव का वर्ण रक्त के समान है।

सूर्य देव की करें आराधना

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य को प्रतिदिन स्नान करने के बाद अर्घ्य देना चाहिए। प्रतिदिन सूर्य देव को जल अर्पित करने से भगवान सूर्य प्रसन्न होकर आयु, आरोग्य, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, यश, विद्या, वैभव और सौभाग्य का वरदान देते हैं। आप संध्या के समय भी सूर्यनारायण भगवान को अर्घ्य दे सकते हैं। सूर्य देव के मंत्र का जाप करना भी बड़ा ही लाभकारी होता है।

सूर्य मंत्र - ॐ श्री सूर्य देवाय नमः

पौष माह के नियम

पौष माह में अगर व्रत रख सकते हैं तो इस महीने में रविवार के दिन व्रत रखना चाहिए और खाने में नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए। सिर्फ फलाहार ही करना चाहिए। रविवार के व्रत के दिन सूर्य को तिल-चावल की खिचड़ी का भोग लगाएं, ऐसा करने से व्यक्ति तेजस्वी बनता है।