घर की सीढियों से जुड़े कुछ खास वास्तु टिप्स

धूप का मजा लेना हो या हवाओं से खुद को तरोताजा करना हो, घर की छत पर तो आप जाते ही होंगे। इसके लिए घर में सीढ़ी बनी होगी। लेकिन क्या आपके घर की सीढ़ी सिर्फ इन्हीं कामों के लिए है। वास्तु विज्ञान के अनुसार घर की सीढ़ियों से तरक्की की ऊंचाई पर भी पहुंचा जा सकता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार कुछ घर में वास्तु दोष होने से घर की शांति भंग हो जाती है। वहीं आपको घर में पैसों से जुड़ी परेशानियां झेलनी पड़ सकती है। वास्तुशास्त्र में ऐसी कई चीजें बताई गई है जिसे करने से घर का वास्तु दोष खत्म हो जाता है। ऐसे ही कहा जाता है कि घर में मौजूद सीढ़ियां भी वास्तु दोष का कारण हो सकती है। इसके लिए जरूरी है कि घर की सीढ़ी वास्तु के नियमों के अनुसार बनी हो। सीढ़ी में वास्तु दोष होने पर तरक्की की बजाय नुकसान उठाना पड़ सकता है। आइए जानते है सीढ़ियों से जुड़े वास्तु टिप्स।

# यदि सीढ़ियां घुमावदार बनानी हैं तो, उनका सदैव पूर्व से दक्षिण, दक्षिण से पश्चिम, पश्चिम से उत्तर और उत्तर से पूर्व की ओर रखना लाभप्रद रहता है। इसका मतलब है कि चढ़ते समय सीढ़ियां हमेशा दायीं ओर मुड़नी चाहिए।

# वास्तुशास्त्र के अनुसार सीढ़ी के नीचे जूते-चप्पल एवं घर का बेकार सामान नहीं रखना चाहिए। कहा जाता है कि इससे घर में भारी नुकसान होता है।

# ये कभी भी घर के सामने नहीं होनी चाहिए। यानि जब भी कोई मनुष्य घर के अंदर प्रवेश करे तो घर के अंदर की सीढियाँ उस मनुष्य को नहीं दिखना चाहिए।

# सीढियो की संख्या हमेशा विषम रहे जैसे 11, 15 आदि। शौचालय या मंदिर सीढियो के निचे नही बनाये। घर में इनकी दिशा दक्षिण या पश्चिम भाग में होनी चाहिए और आप जब इस पर चढ़े तो आपका मुख पूर्व और उत्तर की तरफ होना चाहिए।

# सीढ़ियों की नीचे और उपर द्वार रखना चाहिए। नीचे वाले दरवाजे से उपर वाला दरवाजा 12 भाग कम होना चाहिए।

# यदि किसी मकान में सीढ़ियां पूर्व या उत्तर दिशा में बनी हों तो, उसके वास्तुदोष को कम करने के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में एक कक्ष बनवाना देना चाहिए।

# यदि सीढ़ियो में वास्तु दोष है और आप तोड़ कर दुबारा नही बनाना चाहते तो आप स्टोन पिरामिड की स्थापना करा ले। यह दोष को कम करता है।

# सीढ़ियों के दोनों ओर सुन्दर और मजबूत रेलिंग लगानी चाहिए। कभी भी सीढ़ी में गन्दगी और मकड़ी के जाले नही लगे रहने चाहिए।