पाना चाहते हैं मां लक्ष्मी की कृपा, शरद पूर्णिमा की रात जरूर करें ये उपाय

शरद पूर्णिमा का पावन पर्व मां लक्ष्मी और चन्द्रमा को समर्पित होता हैं। इस बार शरद पूर्णिमा की तारीख को लेकर भी असमंजस बना हुआ हैं। इस बार शरद पूर्णिमा तिथि 30 अक्टूबर को शाम को 5:45 से लग रही है। वहीं 31 अक्टूबर को रात 8 बजे खत्म हो जाएगी। इसको लेकर कहा जा रहा हैं कि व्रत तो 31 अक्टूबर को रखा जाएगा। लेकिन स्नान, दान और कथा शुक्रवार को करना फलदायी साबित होगा। शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्‍मी के जन्‍मदिन के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपको शरद पूर्णिमा की रात किए जाने वाले कुछ उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको मां लक्ष्मी की कृपा दिलाएगी और आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी।

खीर के रूप में प्राप्‍त करें अमृत

माना जाता है शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में अमृत वर्षा होती है। इस रात में चावल की खीर बनाकर महीन कपड़े से ढ़ककर उसे खुले आसमान के नीचे रख देना चाहिए। दूध, चावल और शक्‍कर तीनों ही मां लक्ष्‍मी को प्रिय हैं। अगले दिन सुबह स्‍नान के बाद खीर को मां लक्ष्‍मी के प्रसाद के रूप में परिवार के सभी सदस्‍यों को प्रसाद के रूप में बांट देना चाहिए। माना जाता है कि इस खीर को खाने से स्‍वास्‍थ्‍य रूपी संपदा और आरोग्‍य रूपी वरदान प्राप्‍त होता है। साथ ही आपके घर से धन की कमी भी दूर होती है।

कोजागरा की रात का जागरण

मां लक्ष्‍मी के जन्‍मदिन के रूप में शरद पूर्णिमा का यह त्‍योहार मनाया जाता है और इस रात को सोना नहीं होता है। शरद पूर्णिमा को रात्रि जागरण करते हुए मां लक्ष्‍मी का ध्‍यान करना चाहिए। इस रात को कोजागरा भी कहा जाता है। रात में आपको मां लक्ष्‍मी के ध्‍यान के साथ ही विष्‍णु सहस्‍त्रनाम का पाठ भी करना चाहिए।

तुलसी की पूजा का महत्‍व

दीपावली से पहले शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए विशेष आयोजन के रूप में देखा जाता है। पूर्णिमा की सुबह स्‍नान करके तुलसी पर दीपक जलाएं और साथ ही सिंदूर भी चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा तुलसी को सफेद मिष्‍ठान से भोग भी लगाना चाहिए। ऐसा करने वालों पर मां लक्ष्‍मी की विशेष कृपा होती है। कहते हैं जो तुलसी को प्रसन्‍न करने पर भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी स्‍वत: ही प्रसन्‍न हो जाते हैं।

इन 5 चीजों का मां लक्ष्‍मी को भोग लगाएं

मां लक्ष्‍मी का इस दिन जन्‍मदिन माना जाता है, ऐसे में माता को भेंट के रूप में उनकी प्रिय वस्‍तुएं अर्पित करनी चाहिए। इनमें सिंघाड़ा, मखाना, दही, पान और बताशे प्रमुख माने जाते हैं। शरद पूर्णिमा के दिन शाम की पूजा में आपको मां लक्ष्‍मी को इन सब वस्‍तुओं का भोग लगाना चाहिए और फिर उसके बाद इन्‍हें प्रसाद के रूप में बांट देना चाहिए। आप और आपके परिवार के ऊपर मां लक्ष्‍मी की कृपा होती है।

साफ-सफाई का खास महत्‍व

मां लक्ष्‍मी का वास उस घर में माना जाता है जहां के लोग साफ-सफाई और स्‍वच्‍छता से रहते हैं। दीपावली पर लोग इसी वजह से अपने घर की पुताई करवाते हैं और साफ-सफाई करते हैं। शरद पूर्णिमा से ही आपको घर की साफ-सफाई करना आरंभ कर देना चाहिए। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है और आपके घर से सभी प्रकार के ग्रहदोष दूर होते हैं।