ओणम 2020 : आज मनाया जाएगा यह पावन पर्व, जानें शुभ मुहूर्त और कथा

आज 31 अगस्त को ओणम का पावन पर्व मनाया जा रहा हैं। दक्षिण भारत में यह पर्व बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व की शुरुआत 21 अगस्त से हो चुकी हैं जो कि 2 सितंबर तक जारी रहने वाला हैं। लेकिन इस महोत्सव के दौरान थिरुवोणम नक्षत्र का दिन बहुत महत्व रखता हैं। ओणम का यह पर्व राजा महाबली के स्वागत में मनाया जाता है। आज इस कड़ी में हम आपको ओणम के शुभ मुहूर्त और कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जो इसके महत्व को दर्शाते हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

ओणम त्योहार के पहले दिन को उथ्रादम कहा जाता है इस दिन लोग घर की साफ-सफाई करके पूरे घर की साज-सजावट करते हैं। ओणम के दूसरे दिन को थीरुओणम कहते हैं। इस दिन सुबह भोर से ही पूजा-पाठ शुरू हो जाती है। इस त्योहार में विष्णु जी के वामन अवतार की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन महाबली राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने आते हैं। उनके स्वागत में रंगोली बनाई जाती है। यह त्योहार नई फसल की खुशी में भी मनाया जाता है।

ओणम पर्व की कथा

राजा बलि दैत्य थे, फिर भी वे विष्णु भगवान के भक्त थे। वे पराक्रमी और महादानी थे। महबली ने तीनों लोकों पर अपना अधिपत्य कर लिया था। तब वामन अवतार लेकर भगवान विष्णु मों उनसे तीन पग भूमि दान में मांगी। तब राजा बलि ने वामन अवतार विष्णु जी को तीन पग भूमि दान कर दी। लेकिन देखते ही देखते विष्णु जी ने एक पग में धरती तो दूसरे पग में पूरा ब्रह्मांड नाप लिया, जब तीसरे पग भूमि को नापने की बारी आई तब बलि ने अपना मस्तक उनके आगे कर दिया। तब विष्णु जी ने राजा बलि को रहने के लिए पाताल लोक दिया, और इस तरह से दोबारा देवताओं का अधिपत्य स्थापित हुआ। तब राजा बलि ने भगवान से प्रार्थना करके यह वर मांगा कि वे वर्ष में एक बार अपनी प्रजा से मिलने आ सकें। तब से हर वर्ष राजा बलि के स्वागत में यह त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

ओणम तिथि और समय

- ओणम उत्सव आरंभ : 21 अगस्त 2020
- ओणम महोत्सव की अंतिम तिथि : 2 सितंबर 2020
- ओणम मुख्य पर्व थिरुवोणम नक्षत्र आरंभ तिथि और समय : 30 अगस्त 2020 दोपहर 01:52
- थिरुवोणम नक्षत्र समाप्त : 31 अगस्त 2020 दोपहर 03:04 बजे