आखिर क्यू बजाते है मंदिर में और पूजा के समय घंटी ?

क्या आप जानते है की जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ, तब जो नाद (आवाज) गूंजी थी वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है। घंटी उसी नाद का प्रतीक है।

अक्सर हम देखते है की हर मंदिर में कदम रखते ही सामने घंटी लगी होती है और उसे बजाने के बाद ही भक्त भगवान् के समक्ष हाजिर होते है। पुजारियों का कहना है की घंटी बजाना हमारा ईश्वर के सामने हमारी हाजरी का संकेत होता है घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना उत्पन्न होती है जिससे हमारी पूजा फलदायी होती है। घंटी की आवाज हमें ईश्वर की अनुभूति कराती है। घंटी की धुन से हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। घंटी की आवाज से हमारे अंदर के बुरे विचार खत्म हो जाते है। और मन एकाग्र हो जाता है।

वैज्ञानिक कारण – घंटी बजाने के पीछे विज्ञान भी है। माना जाता है की जब हम घंटी बजाते है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है। इस कंपन से क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु नष्ट हो जाते है औऱ वातावरण शुद्ध हो जाता है।