वसंत पंचमी 2021 : सरस्वती यंत्र की धारण कर लाएं जीवन में खुशियां, जानें विधि और नियम

मां सरस्वती को समर्पित वसंत पंचमी का पावन पर्व हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता हैं जो कि इस बार 16 फरवरी, 2020 को पड़ रहा हैं। ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा कर व्यक्ति अपनी ज्ञान की क्षमता को बढ़ाने की चाहत रखता हैं क्योंकि दुनिया का सबसे बड़ा धन आपकी बुद्धि ही हैं। वसंत पंचमी का दिन सरस्वती के जन्मोत्सव के लिए जाना जाता हैं जिसमें आप सरस्वती यंत्र को अपनाकर जीवन में खुशियों का आगमन कर सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको सरस्वती यंत्र को धारण करने की विधि और नियम से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

धारण करने की विधि

मां सरस्वती यंत्र को शुभ मुहूर्त में चांदी या कांस्य की थाली में, केसर की स्याही से, अनार की कलम से लिखकर सविधि पूजन कर माता सरस्वतीजी की आरती करें। यात्रांकित कांस्य थाली में भोजन परोसकर श्री सरस्वत्यै स्वाहा, भूपतये स्वाहा, भुवनपतये स्वाहा, भूतात्मपतये स्वाहा 4 ग्रास अर्पण करके स्वयं भोजन करें।

पूजन विधि

याद रहे, यंत्र भोजन परोसने से पहले धोना नहीं चाहिए। वसंत पंचमी से 14 दिनों तक नित्य करने से यंत्र प्रयोग मस्तिष्क में स्नायु तंत्र को सक्रिय (चैतन्य) करता है और मनन करने की शक्ति बढ़ जाती है। धैर्य, मनोबल व आस्था की वृद्धि होती है और मस्तिष्क काम करने के लिए सक्षम हो जाता है। स्मरण शक्ति बढ़ती है और विद्या वृद्धि में प्रगति स्वयं होने लगती है। इसी के साथ ही एकादशाक्षर सरस्वती मंत्र : ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नम: का जाप करें।