19 नवंबर को लगने जा रहा साल का आखिरी चंद्रग्रहण, गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान

19 नवंबर को साल 2021 का आखिरी चंद्रग्रहण लगने जा रहा हैं। यह एक खगोलीय घटना हैं जिसमें सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने लगती है तो चंद्र ग्रहण लगता है। इसका ज्योतिष में बड़ा महत्व बताया गया हैं जिसका सूतक काल बहुत मायने रखता हैं। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं जिनकी पालना करनी चाहिए अन्यथा इसका असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन्हीं सावधानियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बरतनी चाहिए।

- ग्रहण लगने से लेकर समाप्ति तक गर्भवती महिलाओं को किसी भी प्रकार से काटना, सिलना या पिरोना जैसे कार्य जिसमें सुई या धारदार चीजों का प्रयोग हो नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इससे गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंच सकता है।

- वैसे तो बुजुर्ग, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रहण काल के नियमों में छूट होती है लेकिन हो सके तो गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के दौरान कुछ भी खाना नहीं चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि इस समय रखा हुआ खाना दूषित हो जाता है।

- धार्मिक मान्यताएं कहती हैं कि ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए। इस समय मानसिक रूप से ईश्वर का स्मरण करना चाहिए। ग्रहण काल के दौरान जीभ पर तुलसी का पत्ता रखकर दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए।

- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के दौरान घर में ही रहना चाहिए। माना जाता है कि इस समय ग्रहण की छाया पड़ना शुभ नहीं रहता है। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को ग्रहण बिल्कुल नहीं देखना चाहिए। मान्यता है कि इससे गर्भ में पल रहे शिशु की मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

- ग्रहण काल समाप्त होने के बाद गर्भवती स्त्रियों को स्नान अवश्य कर लेना चाहिए, अन्यथा गर्भस्थ शिशु को त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं। ऐसा मान्यताएं कहती हैं।