लोहड़ी स्पेशल : भगवान शंकर और कृष्ण से भी हैं इस त्यौहार का नाता, जानें कैसे

मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी का त्यौहार मनाया जाता हैं जिसे एकता, भाईचारे, प्रेम व सौहार्द का प्रतीक माना जाता हैं। इस दिन को नई फसल के आने की खुशी और अगली बुवाई की तैयारी के रूप में आयोजित किया जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शंकर और कृष्ण से भी इस त्यौहार का गहरा नाता हैं। आज इस कड़ी एम् हम आपको उसी संबंध की जानकारी देने जा रहे हैं।

भगवान श्रीकृष्ण ने किया था लोहिता का वध

ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के समय से ही लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। इस विषय में एक कथा है कि भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद कंश ने श्री कृष्ण को मारने की बहुत कोशिश की और इसके लिए उसने कई असुरों और राक्षसों को गोकुल भेजा। इस क्रम में कंश ने एक लोहिता नाम की राक्षसी को गोकुल भेजा था।

जब लोहिता गोकुल आई तब सभी गांव वाले मकर संक्रांति की तैयारी में व्यस्त थे क्योंकि अगले दिन मकर संक्रांति का त्योहार था। मौके का लाभ उठाकर लोहिता ने श्री कृष्ण को मारने का प्रयास किया लेकिन श्री कृष्ण ने खेल ही खेल में लोहिता का वध कर दिया।

सती हुई थीं भगवान शिव की पत्नी

लोहड़ी का पर्व भगवान शिव और सती से भी जुड़ी है। मान्यता के अनुसार दक्ष प्रजापति की बेटी सती के आग में समर्पित होने के कारण यह त्योहार मनाया जाता है। लोहड़ी के त्योहार के अवसर पर जगह-जगह अलाव जलाकर उसके आसपास भांगड़ा-गिद्धा किया जाता है।

दुल्ला भट्टी से जुड़ा है यह त्योहार

पंजाब में लोहड़ी का त्योहार दुल्ला भट्टी के याद में भी मनाया जाता है। दुल्ला भट्टी पंजाब में मुगल शासक अकबर के समय में रहता था जो विद्रोही स्वभाव का था। अकबर के समय में वहां की तमाम लड़कियों को गुलाम बनाया जाता था। दुल्ला भट्टी ने एक योजना के तहत लड़कियों को न केवल छुड़ाया बल्कि उनकी शादी की सारी व्यवस्था भी की थी, इसलिए पंजाब में लोहड़ी मनाया जाता है।