आज 13 जुलाई, 2022 को आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा तिथि हैं जिसे गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता हैं। यह दिन हिंदू धर्म के प्रथम गुरु कृष्ण द्वैपायन महर्षि वेद व्यास जी के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता हैं। चाहे कोई भी धर्म हो उसमें गुरु को उच्च दर्जा दिया गया हैं जिनके आशीर्वाद से व्यक्ति यश, कीर्ति, वैभव की प्राप्ति तो करता ही हैं। साथ ही में समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति भी होती हैं। ऐसे में शास्त्रों में आज के दिन से जुड़े भी कुछ उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से जन्मकुंडली के सारे दोष समाप्त हो जायेंगे और जीवन में सकारात्मकता आएगी। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...
माता पिता से आशीर्वाद लेंसंसार में माता पिता को व्यक्ति को प्रथम गुरु कहा गया है। माता-पिता जन्मदाता होने के साथ ही हर व्यक्ति के प्रथम गुरु भी होते हैं क्योंकि वही संतान को सबसे पहले संसार का ज्ञान करवाते हैं। इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन माता पिता को एक स्थान पर बैठाकर उनकी प्रदक्षिणा यानी परिक्रमा करनी चाहिए और उनके चरण स्पर्श करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। जो इस प्रकार माता-पिता के प्रति आदर और श्रद्धा भाव रखते हैं भगवान विष्णु की उन पर सदैव कृपा होती है। ऐसे व्यक्ति माता-पिता के आशीर्वाद से ना सिर्फ लौकिक सुख पाते हैं बल्कि परलोक में भी अपने लिए उत्तम स्थान बना लेते हैं।
पुराण और गीता का पाठआषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं जिस दिन लोग प्रथम गुरु महर्षि वेदव्यास की पूजा करते हैं। महर्षि वेदव्यासजी वेदों के रचनाकार हैं। इसदिन गुरु के वचनों को सुनना और पढना चाहिए और उन्हें अपने जीवन में अमल में लाना चाहिए। इसके लिए आप किसी भी पुराण अथवा गीता का पाठ कर सकते हैं। गुरु पुर्णिमा के दिन पुराण अथवा गीता पढ़ने से अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक लाभ मिलता है जो लौकिक और पारलौकिक जीवन में लाभकारी होता है।
इस मंत्र का करें जापगुरु दोष को दूर करने का एक उपाय गुरु के मंत्र का जाप करना भी है। गुरु ग्रह के मंत्र ओम बृं बृहस्पतये नमः का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से कुंडली में गुरु का नकारात्मक दोष दूर हो जाएगा। वहीँ गुरु पूर्णिमा के दिन व्यक्ति को अपने गुरु के द्वार दिए गए मंत्र का यथासंभव पूरे ध्यान से जप करना चाहिए। इस दिन गुरु मंत्र का जप करना बहुत ही कल्याणकारी होता है। जिन्होंने गुरु मंत्र नहीं लिया है वह इस दिन चाहें तो गुरु मंत्र भी ले सकते हैं।
इन चीजों का लगाएं तिलकगुरु पूर्णिमा के दिन माथे पर हल्की या चंदन का तिलक लगाना चाहिए। साथ ही पीले वस्त्र ही धारण करने चाहिए। ऐसा करने से गुरु ग्रह मजबूत होते हैं।
सत्यनारायण पूजन कथागुरु पूर्णिमा तिथि में सत्यनारायण भगवान का पूजन और कथा करवाना बहुत ही लाभप्रद माना जाता है। लेकिन साल में कुछ खास पूर्णिमा तिथि हैं जिनमे सत्यनारायण भगवान की पूजा करवाना बहुत ही लाभप्रद होता है। इनमें आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि भी एक है। इस पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करवाने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद और देवी लक्ष्मी की कृपा भी मिलती है।
धन समृद्धि के लिए उपायगुरु पूर्णिमा के दिन धन लक्ष्मी और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए आप सुबह जल में हल्दी मिलाकर मुख्य द्वार की सफाई करें। घर की साफ सफाई के साथ ही प्रयास करें कि इस दिन मुंह से कोई अपशब्द न निकले। घी का दीप जलाकर भगवान विष्णु की पूजा करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
भगवान विष्णु की करें पूजागुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष विधान है। इसलिए भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा के दौरान उन्हें पीले फूल, फल, अक्षत्, चंदन, पंचामृत, तुलसी के पत्ते, बेसन के लड्डू आदि अर्पित करें। ऐसा करने आपको भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होगी।