
हिंदू ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को दो महत्वपूर्ण छाया ग्रह माना जाता है। इनका गोचर—यानी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश—सभी 12 राशियों पर गहरा प्रभाव डालता है। 18 मई 2025 को राहु और केतु ने क्रमश: कुंभ और सिंह राशि में प्रवेश किया था। हालांकि, इनका स्पष्ट गोचर 29 मई को होगा, जब इनका प्रभाव और अधिक तीव्रता से महसूस किया जाएगा।
इस गोचर का सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव हर राशि पर अलग-अलग तरीके से पड़ता है। लेकिन ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, चार राशियाँ ऐसी हैं जिन्हें इस गोचर के कारण विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। आइए जानते हैं इन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और क्या उपाय करने चाहिए।
मेष राशि – आर्थिक दबाव और मानसिक अशांतिराहु-केतु के स्पष्ट गोचर का प्रतिकूल प्रभाव आपके धन और मानसिक स्थिति पर पड़ सकता है।
संभावित समस्याएं:—EMI भुगतान में परेशानी
—आर्थिक अनिश्चितता
—कार्यस्थल पर बदलाव
—गुस्से में संबंध बिगड़ने की आशंका
क्या करें:—पशु-पक्षियों को आहार दें
—जरूरतमंदों को भोजन कराएं
—ध्यान और योग से मानसिक संतुलन बनाए रखें
सिंह राशि – निर्णय क्षमता पर असर और करियर में अस्थिरता
केतु के आपकी राशि में आने से आपका आत्मविश्वास डगमगा सकता है।
संभावित समस्याएं:
—गलत निर्णय लेना
—करियर में रुकावट
—स्वास्थ्य में गिरावट
—परिवार में तनाव और धोखे की आशंका
क्या करें:
—'ॐ रां राहवे नमः' मंत्र का जाप करें
—मानसिक रूप से मजबूत बने रहने के लिए ध्यान करें
—चापलूस लोगों से दूरी बनाए रखें
कन्या राशि – भ्रम और रिश्तों में गलतफहमियाँ
राहु-केतु का यह गोचर आपकी राशि से छठे भाव में हो रहा है, जिससे भ्रम की स्थिति बन सकती है।
संभावित समस्याएं:
—माता-पिता की सेहत को लेकर चिंता
—सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान
—करियर में उतार-चढ़ाव
—संतान को लेकर तनाव
क्या करें:
—नीले वस्त्र धारण करें
—जरूरतमंदों को दान दें
—विवाद से दूर रहें, आत्मनिरीक्षण करें
मीन राशि – वैवाहिक जीवन में संकट और स्वास्थ्य समस्याएं
राहु-केतु का गोचर द्वादश भाव में होने से आपके जीवन में कई स्तरों पर चुनौतियां आ सकती हैं।
संभावित समस्याएं:
—वैवाहिक तनाव या रिश्तों का टूटना
—स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां
—आर्थिक असंतुलन
—गलत संगति से हानि
क्या करें:—भगवान शिव की पूजा करें
—तला-भुना भोजन टालें
—बहस-विवाद से बचें और संयम रखें
29 मई को राहु-केतु का स्पष्ट गोचर ज्योतिषीय दृष्टिकोण से काफी निर्णायक साबित हो सकता है। इन चार राशियों को विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। ध्यान, संयम और सही उपायों से इन प्रभावों को काफी हद तक संतुलित किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। पाठकों से अनुरोध है कि वे इसे सामान्य जानकारी के रूप में लें।