रामनवमी 2020 : हर किसी को सीखने चाहिए प्रभु श्रीराम के ये गुण

महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के अनुसार चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन रामजन्म के अवसर के तौर पर रामनवमी के रूप में मनाया जाता हैं। प्रभु श्री राम ने त्रेतायुग के सबसे बड़े दानव लंकापति का संहार किया। हर कोई प्रभु श्रीराम के जीवन को एक सार मानता है जो कि जीवन जीने की कला सिखाती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको प्रभु श्रीराम के कुछ ऐसे गुणों की जानकारी देने जा रहे हैं जो हर व्यक्ति को जरूर सीखने चाहिए।

- लोगों के प्रति सच्ची निष्ठा रखना।
- दूसरे व्यक्तियों को सम्मान देना।
- सभी से हंसते-मुस्कुराते मिलना।
- लोगों के नामों को याद रखना और उन्हें, उन्हीं नाम से संबोधित करना।
- दूसरों की बातों को ध्यान और धीरज से सुनना।

- किसी को अपने विचार मनवाने के लिए तर्क और विवाद का सहारा नहीं लेना।
- उच्च आदर्श व सिद्धांत का पालन करने में हर कठिनाई को सहन करने के लिए तैयार रहना।
- दूसरे के विचारों और भावनाओं के प्रति सच्ची सहानुभूति रखना।
- दूसरे की दृष्टि से घटनाओं या वस्तुओं को देखने का प्रयास करना।
- अपनी त्रुटि (गलती) को शीघ्र स्वीकार कर लेना।
- दूसरे व्यक्तियों के विचारों के प्रति आदर की भावना होना।