नवरात्रि स्पेशल : मां महागौरी को समर्पित है आठवां दिन, जानें पूजन का महत्व और सरल विधि

नवरात्रि के पावन पर्व का आज आठवां दिन हैं जो कि मां पार्वती के महागौरी रूप के पूजन के लिए जाना जाता हैं। आज के दिन को दुर्गाष्टमी के रूप में पूजा जाता हैं। इस दिन व्रत करने से दांपत्‍य जीवन में मधुरता के साथ रिश्‍तों की डोर और मजबूत होती है। आज के दिन किया गया मातारानी का पूजन आदिशक्ति जगदंबा की परम कृपा दिलाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको भगवती महागौरी के पूजन की सरल विधि के बारे में बताने जा रहे हैं ताकि आपको मातारानी की कृपा प्राप्त हो सकें।

पूजन की सरल विधि

- इस पूजा में पवित्रता, नियम व संयम तथा ब्रह्मचर्य का विशेष महत्व है।
- पूजा के समय घर व देवालय को तोरण व विविध प्रकार के मांगलिक पत्र, पुष्पों से सजाना चाहिए
- पूजा में स्थापित समस्त देवी-देवताओं का आह्वान उनके 'नाम मंत्रों' द्वारा कर षोडषोपचार पूजा करनी चाहिए, जो विशेष फलदायिनी है।
- अनेक प्रकार के मंत्रोपचार से विधि प्रकार पूजा करते हुए भगवती से सुख, समृद्धि, यश, कीर्ति, विजय, आरोग्यता की कामना करनी चाहिए।
- इस प्रकार अष्टमी को विविध प्रकार से भगवती जगदंबा का पूजन कर रात्रि को जागरण करते हुए भजन, कीर्तन, नृत्यादि उत्सव मनाना चाहिए तथा नवमी को विविध प्रकार से पूजा-हवन कर 9 कन्याओं को भोजन खिलाना चाहिए।

- अष्टमी को हलुआ आदि प्रसाद वितरित करना चाहिए।
- पूजन-हवन की पूर्णाहुति कर दशमी तिथि को व्रती को व्रत खोलना (पारण करना) चाहिए।
- मां भगवती का पूजन अष्टमी व नवमी को करने से कष्ट, दुःख मिट जाते हैं और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती। यह तिथि परम कल्याणकारी, पवित्र, सुख को देने वाली और धर्म की वृद्धि करने वाली है।
- भगवती महागौरी की आराधना सभी मनोवांछित को पूर्ण करने वाली और भक्तों को अभय, रूप व सौंदर्य प्रदान करने वाली है अर्थात शरीर में उत्पन्न नाना प्रकार के विष व्याधियों का अंत कर जीवन को सुख-समृद्धि व आरोग्यता से पूर्ण करती हैं। मां की शास्त्रीय पद्धति से पूजा करने वाले सभी रोगों से मुक्त हो जाते हैं और धन-वैभव संपन्न होते हैं।