आखिर क्यों चढ़ाया जाता है हनुमान जी को चोला, जानें इससे जुड़ी प्रभु भक्ति की कहानी

आज मंगलवार का दिन हैं जो कि हिन्दू धर्म में हनुमान जी को समर्पित माना जाता हैं। आज के दिन सभी भक्तगण हनुमान जी की भक्ति में लीन होते हैं और उनको आशीर्वाद पाने की चाहत रखते हैं। ऐसे में आज हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सिन्दूर चढ़ाया जाता हैं और उनकी पूजा की जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को सिंदूर और चोला क्यों चढ़ाया जाता हैं। आज हम आपको इससे जुड़ी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जो हनुमान जी की प्रभु श्रीराम के प्रति भक्ति को दर्शाती हैं। इस कहानी का वर्णन तुलसीदास जी द्वारा रामचरित मानस में किया गया है। तो आइये जानते हैं इस कहानी के बारे में।

रामचरित मानस के अनुसार जब राम जी लक्ष्मण और सीता सहित अयोध्या लौट आए तो एक दिन हनुमान जी माता सीता के कक्ष में पहुंचे। उन्होंने देखा कि माता सीता लाल (Red) रंग की कोई चीज मांग में सजा रही हैं। श्री हनुमान जी ने जगजननी श्री सीता जी के मांग में सिंदूर लगा देखकर आश्चर्यपूर्वक पूछा- माता! आपने यह लाल (Red) द्रव्य मस्तक पर क्यों लगाया है? श्री हनुमान ने यह सुना तो बहुत प्रसन्न हुए और विचार किया कि जब उंगली भर सिंदूर लगाने से आयुष्य वृद्धि होती है तो फिर क्यों न सारे शरीर पर इसे पोतकर अपने स्वामी को अजर-अमर कर दूं। सिंदूर लगे हनुमान जी प्रभु राम जी की सभा में चले गए।

राम जी ने जब हनुमान को इस रुप में देखा तो हैरान रह गए। राम जी ने हनुमान से पूरे शरीर में सिंदूर लेपन करने का कारण पूछा तो हनुमान जी ने साफ-साफ कह दिया कि इससे आप अमर हो जाएंगे और मुझे भी माता सीता की तरह आपका स्नेह मिलेगा। हनुमान जी की इस बात को सुनकर राम जी भाव विभोर हो गए और हनुमान जी को गले से लगा लिया। कहते हैं उस दिन से हनुमान जी को इस उदात्त स्वामी-भक्ति के स्मरण में उनके शरीर पर सिंदूर चढ़ाया जाने लगा।