क्या आप भी लेने जा रहे हैं कुंभ स्नान का सौभाग्‍य, ना करें इन नियमों की अनदेखी, मिलेगा पाप

हिन्दू धर्म में कुंभ स्नान का बड़ा महत्व माना जाता हैं जो सौभाग्य की प्राप्ति करवाता हैं। इस बार का कुंभ मेला हरिद्वार में आयोजित किया जा रहा हैं। कुंभ का स्नान मां गंगा के साथ देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी दिलाता हैं। अगर आप भी कुंभ स्नान के लिए जा रहे हैं तो आपको कुछ नियमों की जानकारी होना बहुत जरूरी हैं। नियमों की अनदेखी आपको पाप का भागीदार बना सकती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुंभ स्नान के उन्हीं नियमों की जानकारी देने जा रहे हैं।

कुंभ का है यह व‍िशेष न‍ियम

ह‍िंदू धर्म में दान का व‍िशेष महत्‍व है। इसके अनुसार जब भी कुंभ स्‍नान के ल‍िए जाएं तो वहां कुछ न कुछ त्‍याग कर ही आएं। यानी क‍ि कोई ऐसी बात जो आपको या पर‍िवार के अन्‍य सदस्‍यों को लगता हो क‍ि यह सही आदत नहीं है। या फ‍िर आपकी उस आदत से क‍िसी का नुकसान होता हो तो कुंभ में स्‍नान के बाद उस आदत का त्‍याग करने का प्रण लें। इसके अलावा कुछ लोग अपने केशों का भी त्‍याग करते हैं यानी क‍ि मुंडन करवाते हैं।

कुंभ में स्‍नान का ऐसा है व‍िधान

यद‍ि आप कुंभ स्‍नान करने के ल‍िए जा रहे हैं तो ध्‍यान रखें क‍ि स्‍नान का व‍िशेष न‍ियम है। इसके ल‍िए स्‍नान से पहले नदी को प्रणाम करें फ‍िर पांव रखें फ‍िर पुष्‍प और अपनी इच्‍छाशक्ति मुद्रा डालकर उसके बाद स्‍नान करें। स्‍नान के बाद क‍िसी पुरोह‍ित को वस्‍त्र आदि का दान जरूर करें। बता दें क‍ि यह सनातनी परंपरा है। ऐसे दान के पीछे यह मान्‍यता है क‍ि प्रत्‍येक 12 वर्ष पर होने वाले वाले कुंभ में हम बीते सालों में कमाया हुआ धन दान करते हैं।

कुंभ स्‍नान में इसे तो हरग‍िज न भूलें

कुंभ स्‍नान करने जा रहे हों या सामान्‍य द‍िनों में भी क‍िसी पव‍ित्र नदी में स्‍नान करने जा रहे हों तो कुछ बातों का व‍िशेष ध्‍यान रखना चाह‍िए। इसलिए कभी भी क‍िसी भी नदी के समीप शौच, कुल्‍ला, कंघी करके बाल डालना, जल में क्रीड़ा करना, रत‍िक्रिया करना या फ‍िर कपड़े धोने से हर हाल में बचना चाह‍िए। अन्‍यथा स्‍नान का तो कोई फल म‍िलता ही नहीं। साथ ही जातकों को जन्‍म-जन्‍मांतर तक इसका पाप भुगतना पड़ता है।