अपनी मनोकामना अनुसार धनतेरस की शाम जलाएं दीपक, दूर होगी जीवन से निर्धनता

धनतेरस का पावन पर्व आपके जीवन में धन-समृद्धि लाने वाला माना जाता हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान श्रीहरि के अवतार धनवंतरि की उत्पत्ति हुई थी। इस दिन मां लक्ष्मी और कुबेर का आह्वान किया जाता हैं ताकि उनके आशीर्वाद से जीवन में कभी निर्धनता ना आए। धनतेरस के दिन से ही घरों में दीपक जलाए जाते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि धनतेरस के दिन किस तरह अपनी मनोकामना अनुसार दीपक जलने चाहिए ताकि आपको शुभ फल मिल सकें। आइये जानते हैं इसके बारे में।

अखंड दीपक

निर्धनता दूर करने के लिए अपने पूजाघर में धनतेरस की शाम को अखंड दीपक जलाना चाहिए जो दीपावली की रात तक जरूर जलता रहे। अगर दीपक भैयादूज तक अखंड जलता रहे तो घर के सारे वास्तुदोष भी समाप्त हो जाते हैं और आपके घर से सारी नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है।

ईशान कोण में दीपक

घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें साथ ही दिए में थोड़ी सी केसर भी डाल दें। दीये को रखने के स्‍थान पर एक बात का जरूर ध्‍यान रखें कि दीपक को सीधे धरती पर न रखें। पहले चावल की थोड़ी सी ढेरी लगाएं और फिर दीए को उस ढेरी पर रखें।

साल भर की आर्थिक अनुकूलता के लिए

घर के तेल का दीपक प्रज्वलित करें तथा उसमें दो काली गुंजा डाल दें। उसके बाद गंधक आदि सामग्री से पूजन करके घर के मुख्य द्वार पर अन्न की ढेरी पर दीया रख दें। साल भर आर्थिक अनुकूलता बनी रहेगी। स्मरण रहे वह दीप रातभर जलते रहना चाहिए, बुझना नहीं चाहिए। दीपावली के दिन रात भर घी का दिया जले सूर्योदय तक, तो बड़ा शुभ माना जाता है।

दीपावली पर करें यह उपाय

दीपावली के दिन चांदी की कटोरी में अगर कपूर को जलाएं, तो आपको परिवार की तीनों तापों से रक्षा होती है। हर अमावस्या को पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने से पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं, और अच्छी आत्माएं घर में जन्म लेती हैं।

तुलसी की मिट्टी से तिलक करें

नूतन वर्ष के दिन यानी दीपावली के अगले दिन गाय के खुर की मिट्टी से, अथवा तुलसीजी की मिट्टी से तिलक करें, सुख-शान्ति में बरकत होगी। दीपावली की शाम को अशोक वृक्ष के नीचे घी का दिया जलाएं, तो बहुत शुभ माना जाता है।