कुंडली में कमजोर चंद्रमा को बनाना है मजबूत, तो करे ये उपाय

जन्म कुंडली में मौजूद सभी नौ ग्रह, अपनी-अपनी तरह से जातक को प्रभावित करते, उसके जीवन पर अपना असर छोड़ते हैं। अगर शुभ ग्रह अच्छी स्थिति में हैं तो इसका फल भी जातक को मिलता है और अशुभ ग्रह अच्छी स्थिति में हैं तो इसका नकारात्मक परिणाम भी भुगतना पड़ सकता है। कई बार किसी समय-विशेष में कोई ग्रह अशुभ फल देता है, ऐसे में उसकी शांति आवश्यक होती है। जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो या दुष्ट ग्रहों से दूषित हो उन्हें चन्द्र शांति के कुछ उपाय अपनाने से लाभ मिलता है और ग्रहजनित पीड़ा शांत होती है। यहाँ हम चन्द्र ग्रह शांति के कुछ अचूक उपाय बता रहे है जिनसे आपको लाभ मिलेगा।

* श्वेत तथा गोल मोती चांदी की अंगूठी में रोहिणी ,हस्त ,श्रवण नक्षत्रों में जड़वा कर सोमवार या पूर्णिमा तिथि में पुरुष दायें हाथ की तथा स्त्री बाएं हाथ की अनामिका या कनिष्टिका अंगुली में धारण करें। धारण करने से पहले ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः मन्त्र के 108 उच्चारण से इस में ग्रह प्रतिष्ठा करके धूप,दीप ,पुष्प ,अक्षत आदि से पूजन कर लें।

* चंद्रमा की स्थिति को संतुलित करना हो या फिर उसकी ताकत को बढ़ाना हो, दोनों ही मामलों में रत्न उपयोगी सिद्ध होते हैं। मसलन अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा असंतुलित है तो आपको कम से कम 10 रत्ती का मोती धारण करना चाहिए।

* अगर किसी कारणवश आप मोती नहीं खरीद पा रहे हैं तो मोती के उपरत्न मून स्टोन को भी पहन सकते हैं। आप इसे चांदी की अंगूठी में डालकर पहन भी सकते हैं और चांदी का लॉकेट बनवाकर गले में भी पहन सकते हैं।

* चारपाई के चारों पायों में चांदी की कील गाड़ना चाहिए। घर की छत के नीचे कुआ या हैंडपंप न लगाना चाहिए। चन्द्र नीच का हो तो चन्द्र की चीज़ो का दान करें।

* चंद्रमा जनित कष्ट दूर करने के लिए पूर्णमासी का व्रत करना चाहिए और सत्यनारायण भगवान की कथा सुननी चाहिए एवं चन्द्र मंत्र अनुष्ठान का आयोजन विधि पूर्वक करना उचित रहता है।

* रात को सोते समय थोडा सा दूध एक छोटे लौटे में अपने बिस्तर के सिरहाने रख कर सोये और सवेरे उठ कर वो दूध कीकर के पेड़ या यगीवृक्ष में सींच दे तो चन्द्र दशा शांत होती है।

* सफेद और स्लेटी रंग चंद्रमा का प्रतीक होते हैं इसके अलावा चमकीला नीला, हरा और गुलाबी रंग, आसमानी रंग भी लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं। जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर होता है उन्हें काले और लाल रंग से परहेज रखना चाहिए।

* यदि कुंडली में चंद्रमा केतु के साथ विराजित हो तब जीविकोपार्जन में बाधा डालता है अतः ऐसे जातको को गणेश जी की पूजा करनी चाहिए।