पूजा में पान के पत्तों का महत्व

हिन्दू धर्म में भगवान की पूजा करते समय नियमों का पालन करना अनिवार्य समझा जाता है। पूजा की सारी विधि एवं सामग्री उपस्थित होना भी एक महत्वपूर्ण बिंदु है। इसी पूजा सामग्री में से एक खास वस्तु है ‘पान’, जिसे संस्कृत भाषा में तांबूल भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म की मान्यता है कि पान के पत्तों में कई देवी-देवता वास करते है। अतः नवरात्रों की पूजा में पान के पत्ते का प्रयोग कर आप देवी माँ को प्रसन्न कर सकते हैं। आइये जानते हैं पान के पत्तों का पूजा में ओर क्या महत्व हैं।

# पान हवन पूजा की एक अहम सामग्री है। हिन्दू धर्म में विशेष माने जाने वाले ‘स्कंद पुराण’ में भी पान का ज़िक्र किया गया है। बताया गया है कि देवताओं द्वारा समुद्र मंथन के समय पान के पत्ते का प्रयोग किया गया था। यहां से पान के पत्ते का इस्तेमाल रोशनी में आया। लेकिन पान के पत्ते की आध्यात्मिक महत्ता तो इससे भी काफी अधिक है।

# पान का पत्ता नकारात्मक ऊर्जा को दूर करनेवाला और सकारात्मक ऊर्जा को बढाने वाला भी माना जाता है तभी तो इसे पूजा-पाठ में खास महत्व दिया गया है।

# भगवान शिव को पान अर्पित करने से व्यक्ति का मनोकामना पूर्ण होती है। इस विशेष पान में केवल गुलकंद, खोपरे का बुरा, कत्था, सौंफ और सुमन कतरी डली हुई होती है। महादेव का पूजन कर नैवेद्य के पश्चात उनको यह पान अर्पण करें और घर में सुख-शांति पाएं।

# मंगलवार तथा शनिवार को हनुमान जी को एक डंठल वाला पान का पत्ता तथा लड्डू चढ़ाने से आपके लंबे समय से अटके कार्य पूरे होते हैं। इसके इलावा ऐसा आपको लगातार सात शनिवार तक करना चाहिए। इस उपाय से बड़ी से बड़ी समस्या भी हल हो जाती है।

# हिन्दू मान्यताओं के अनुसार पान के पत्ते में विभिन्न देवी-देवताओं का वास है। जी हां, इस एक पत्ते में ब्रह्मांड के देवी-देवता वास करते हैं। यह भी एक कारण है कि क्यों हिन्दुओं द्वारा पूजा में पान के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है। कहते हैं कि इस पत्ते के विभिन्न कोनों अथवा स्थानों पर देवी-देवता मौजूद हैं।