तो खूब बनेगी सास ससुर से

शादी एक पैकेज डील की तरह है, जिस में आप को जीवनसाथी के साथ उसका परिवार भी मिलता है, जिससे तालमेल बैठाना जरूरी होता है। एक परिवार की खुशहाली पतिपत्नी के आपसी रिश्ते में स्थिरता और संतुलन के साथ भी होती है। वस्तुतः रिश्तों की दृढता ही शादी का सुरक्षाकवच है, इस सुरक्षाकवच को मजबूत बनाने के लिए मूलभूत बातों पर अमल करें, ताकि अपने वैवाहिक जीवन को बचा सकें।

सास-ससुर से संवाद बनाएं रखें

घर के माहौल को खुशनुमा बनाए रखना है तो चाहे सास-ससुर कितना भी उल्टा-सीधा बोलें तो आप उनसे संवाद बनाएं रखें। यदि उनकी कोंई बात पसंद नहीं आती तो, आवाज को नीचा रखते हुए स्पष्ट कहें। जीवनसाथी और सास-ससुर से दुरावछिपाव ना करें, बातचीत में स्पष्टता और पारदर्शिता रिश्तों को मजबूत बनाती है।

आदर सम्मान दें

बहू को चाहिए कि हालात कैसी भी हों पर सास-ससुर से आदरसम्मान से ही बात करें, आखिरकार वे उम्र में बडे हैं व अनुभवी हैं।उन्हीं के मार्गदर्शन में आप के पति पलेबढे है और अच्छी जगह कमा रहे हैं। हो सकता है, रहन-सहन, खाना-पीना आपके घर से बिल्कुल अलग हो पर उसके लिए आदरसम्मान में कमी लाना उचित नहीं। आज की युवा पीढी में सहनशक्ति कम होती जा रही है, युवा पीढी यह मानती है कि बडे छोटो सम्मान पाने के हकदार हैं, जो सही नहीं है।

सास-ससुर की आलोचना नहीं

बहू के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि विवाह केवल दो दिलों का ही मिलन नहीं दो परिवारों का भी मिलन है, जिसमें प्यार, अपनापन होना जरूरी है, अक्सर पत्नियां पति के सामने ही अपने सास-ससुर की बुराईयों का पिटारा खोल कर बैठ जाती है, जबकि वे अच्छी तरह जानती हैं कि किसी भी लडके को अपने मां-बाप की बुराई सुनना अच्छा नहीं लगता। पति को अपने मां-बाप से भावात्मक जुडाव होता है, इसलिए ऐसा बिल्कुल ना करें।
Share this article