इस मंदिर में हर किसी की ख्वाहिश होती है पूरी

कुमाऊँ में अलमोड़ा से आगे चितई में गोलू देवता के मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां जोकि मुरादें मांगी जाती हैं वे सभी पूरी होती हैं।

इस मंदिर में घंटिया चढ़ाई जाती हैं और इंसाफ की भीख मांगी जाती है। लोकमानस का विश्वास है कि गोलू देवता ऐसे राजा रहे जो अपने घोड़े पर सवार हो कर आम लोगों के दुःख दूर करने के लिए दूरतम गाव तक जाते हैं। यह मंदिर अलमोड़ा से लगभग तीस किलोमीटर दूर मुखय सड़क पर है। गोलू देवता के साथ देवी मां की पूजा की जाती है। पहले यहां बलि भी की जाती थी। अब नारियल और चुनरी से पूजा की जाती है। फरियादी अपनी बात लिख कर घंटी और मौली के साथ पूजा कर टांक देते हैं। गोलू देवता जरूर न्याय करते हैं। यहां टंगे हज़ारों खत इसका सबूत हैं। इंसाफ मिल जाने पर भक्त अपनी हैसियत के अनुसार और बड़ा घंटा चढ़ाते हैं। यहां अनगिनत घंटे दिखाई देते हैं और घंटों की गूंज दूर दूर तक सुनाई देती है। कुमाऊँ के लोगों के साथ ही यहाँ देश विदेश से लोग आते हैं।
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