हिंजड़े भी करते है शादी लेकिन सिर्फ एक दिन के लिए, जाने क्या है इसके पीछे की वजह

By: Ankur Wed, 04 July 2018 6:06:29

हिंजड़े भी करते है शादी लेकिन सिर्फ एक दिन के लिए, जाने क्या है इसके पीछे की वजह

मानव जाति का अभिन्न अंग होते हुए भी किन्नरों को हमारे समाज में वो दर्जा नहीं मिल पाया है जिसके वे हकदार हैं। हांलाकि वर्तमान समय में किन्नरों को कई अधिकार दिए गए हैं और अब किन्नर भी समाज में अपनी जगह बनाने लगे हैं। किन्नरों के सम्बन्ध में यह माना जाता अहि कि ये अपनी जिंदगी बिना शादी के ही निकाल देते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि किन्नर भी शादी करते हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में।

हमारे देश भारत के तमिलनाडु राज्य में एक देवता, अरावन की पूजा की जाती है। कई जगह इन्हे इरावन के नाम से भी जाना जाता है। अरावन, हिंजड़ो के देवता है इसलिए दक्षिण भारत में हिंजड़ो को अरावनी कहा जाता है। हिंजड़ो और अरावन देवता के सम्बन्ध में सबसे अचरज वाली बात यह है की हिंजड़े अपने आराध्य देव अरावन से साल में एक बार विवाह करते है। यह विवाह मात्र एक दिन के लिए होता है। अगले दिन अरावन देवता की मौत के साथ ही उनका वैवाहिक जीवन खत्म हो जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की कहानी।

एक बार अर्जुन को, द्रोपदी से शादी की एक शर्त के उल्लंघन के कारण इंद्रप्रस्थ से निष्कासित करके एक साल की तीर्थयात्रा पर भेजा जाता है। वहाँ से निकलने के बाद अर्जुन उत्तर पूर्व भारत में जाते है जहाँ की उनकी मुलाक़ात एक विधवा नाग राजकुमारी उलूपी से होती है। दोनों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है और दोनों विवाह कर लेते है।

विवाह के कुछ समय पश्चात, उलूपी एक पुत्र को जन्म देती है जिसका नाम अरावन रखा जाता है। पुत्र जन्म के पश्चात अर्जुन, उन दोनों को वही छोड़कर अपनी आगे की यात्रा पर निकल जाता है। अरावन नागलोक में अपनी माँ के साथ ही रहता है। पांडवो को अपनी जीत के लिए माँ काली के चरणो में स्वेचिछ्क नर बलि हेतु एक राजकुमार की जरुरत पड़ती है। जब कोई भी राजकुमार आगे नहीं आता है तो अरावन खुद को स्वेचिछ्क नर बलि हेतु प्रस्तुत करता है लेकिन वो शर्त रखता है की वो अविवाहित नहीं मरेगा।

यह जानते हुए की अगले दिन उसकी बेटी विधवा हो जायेगी, अरावन से अपनी बेटी की शादी के लिए तैयार नहीं होता है। जब कोई रास्ता नहीं बचता है तो भगवान श्री कृष्ण स्वंय को मोहिनी रूप में बदलकर अरावन से शादी करते है। अगले दिन अरावन स्वंय अपने हाथो से अपना शीश माँ काली के चरणो में अर्पित करता है। अरावन की मृत्यु के पश्चात श्री कृष्ण उसी मोहिनी रूप में काफी देर तक उसकी मृत्यु का विलाप भी करते है। श्री कृष्ण पुरुष होते हुए स्त्री रूप में अरावन से शादी रचाते है इसलिए किन्नर, जो की स्त्री रूप में पुरुष माने जाते है, भी अरावन से एक रात की शादी रचाते है और उन्हें अपना आराध्य देव मानते है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
lifeberrys हिंदी पर देश-विदेश की ताजा Hindi News पढ़ते हुए अपने आप को रखिए अपडेट। Viral News in Hindi के लिए क्लिक करें अजब गजब सेक्‍शन

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com