लॉकडाउन : बेटा आंध्र प्रदेश में फंसा था, घर लाने के लिए मां ने चलाई 1400 किमी स्कूटी

By: Priyanka Maheshwari Fri, 10 Apr 2020 10:37:15

लॉकडाउन : बेटा आंध्र प्रदेश में फंसा था, घर लाने के लिए मां ने चलाई 1400 किमी स्कूटी

भारत में कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन लगाया हुआ है जिसकी वजह से हजारों लोग अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं। सभी लोग लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे हैं ताकि अपने-अपने घरों पर पहुंच सके। ऐसे में एक मामला तेलंगाना से सामने आया है जिसने सभी को चौका दिया। यहां एक मां ने अपने बेटे को घर लाने के लिए स्कूटी से 1400 किमी का सफर तय किया। वह निजामाबाद से आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के लिए सोमवार को निकलीं और बुधवार शाम को बेटे को लेकर घर लौटीं। निजामाबाद से नेल्लोर की दूरी करीब 700 किमी है।

रजिया ने लॉकडाउन में बाहर निकलने के लिए पुलिस से अनुमति ली थी। नेल्लोर पहुंचने तक उन्हें रास्ते में कई जगहों पर रुकना पड़ा। इस दौरान उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को कन्विंस करते हुए नेल्लोर तक की यात्रा तय की। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए आसान नहीं था। 48 साल की महिला रजिया बेगम ने बताया कि मेरा छोटा परिवार है। दो बेटे हैं। पति की 15 साल पहले मौत हो गई थी। बड़ा बेटा इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है और छोटा बेटा निजामुद्दीन अभी पढ़ाई कर रह है। वह डॉक्टर बनना चाहता है। वह नेल्लोर में था।

रजिया ने बताया, 'एक महिला के लिए टू-व्हीलर पर ये सफर आसान नहीं था, लेकिन बेटे को वापस लाने की मेरी इच्छाशक्ति के आगे डर भी गायब हो गया। मैंने रोटी पैक कीं और निकल पड़ी। रात में कोई ट्रैफिक नहीं, सड़कें खाली थीं। इससे डर जरूर लगा, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी।' रजिया हैदराबाद से करीब 200 किलोमीटर दूर निजामाबाद स्थित एक सरकारी स्कूल में हेडमास्टर हैं। रजिया ने लॉकडाउन में बाहर निकलने के लिए पुलिस से अनुमति ली थी। नेल्लोर पहुंचने तक उन्हें रास्ते में कई जगहों पर रुकना पड़ा। इस दौरान उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को कन्विंस करते हुए नेल्लोर तक की यात्रा तय की।

निजामुद्दीन दोस्त को छोड़ने गया था, वहीं फंस गया

रजिया बेगम ने बताया कि निजामुद्दीन 12 मार्च को अपने दोस्त को छोड़ने नेल्लोर गया था। इसी बीच कोरोना महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन लागू हो जाने के बाद वह घर वापस नहीं आ सका। नेल्लोर से बेटे की वापसी की कोई राह न पाकर रजिया ने बोधान के एसीपी से संपर्क साधा और उन्हें सारी बात बताई। उन्होंने मुझे यह सफर करने की परमिशन दी और पास जारी किया। पुलिस से अनुमति पत्र लेकर रजिया ने अपनी स्कूटी से ही नेल्लोर जाने का फैसला किया। वह 7 अप्रैल को नेल्लोर पहुंच गई। निजामुद्दीन को साथ लेकर वह तुरंत वहां से निकल पड़ी और 8 अप्रैल को बोधान वापस लौट आई। इस दौरान रजिया ने स्कूटी से तकरीबन 1400 किमी की दूरी तय की।

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