Holi Special 2019: राजस्थान के इस गाँव में खेली जाती है खून की होली, आयोजन के लिए इकट्ठे किये जाते है पत्थर
By: Ankur Thu, 21 Mar 2019 3:07:24
होली को रंगों का त्यौहार कहा जाता है जिसमें सभी रंग मिलकर एकता का सन्देश देते हैं। यह त्यौहार एक-दूसरे को गले मिलकर और प्यार से मनाया जाने वाला त्यौहार हैं। लेकिन राजस्थान में एक ऐसा गाँव है जहाँ रंगों से नहीं बल्कि खून से होली खेली जाती है और लोग एक-दूसरे पर पत्थर फेंक कर इसको मनाते हैं। तो आइये जानते है इस अनोखी होली और इससे जुड़ी प्रथा के बारे में।
राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र की इस अजीब मान्यता के चलते प्रतिवर्ष होली के दिन कई लोग घायल होते है। डूंगरपुर के गांव भीलूड़ा एवं रामगढ़ में तो होली के मौके पर एंबुलेंस 108 लगाई जाती है। यहां कई लोग अस्पताल पहुंच जाते हैं। इसके लिए इस गांव में तैयारियां शुरू होने लगी है। लोगों ने पत्थर इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। ये खेल होलिका दहन के बाद रात से ही शुरू होता है तो धूलण्ड़ी तक चलता है।
माहौल में वीर रस भरने के लिए ढोल और चंग बजने लगते हैं। इस होली को लोग राड़ की होली कहते हैं। राड़ यानी दुश्मनी। ढोल और चंग की आवाज जैसे-जैसे तेज होती है, वैसे-वैसे लोग दूसरी टीम को तेजी से पत्थर मारना शुरू कर देते हैं। बचने के लिए हल्की-फुल्की ढाल और सिर पर पगड़ी का इस्तेमाल होता है। खेल में दो या दो से अधिक टीमें बंट जाती है। गांव का बड़ा-बुजुर्ग बतौर निर्णायक एक पत्थर उछाल देता है। इसके बाद दोनों तरफ की टीमें गोफण (रस्सी से बने पारंपरिक गुलेल) से एक दूसरे पर पत्थर बरसाने लगते हैं। इसे कई चक्कर घुमाकर तेजी से मारते हैं। इस खेल में जो भी जितना घायल होता है, वो अपने आप को उतना ही भाग्यशाली समझता है। कुछ घायलों का स्थानीय अस्पताल में इलाज कराया जाता है और गंभीर रूप से घायल लोगों को भर्ती तक करना पड़ता है। जमीन पर जगह-जगह खून के धब्बे फैल जाते हैं।
आदिवासी क्षेत्र के बुजुर्गो का कहना है कि सदियों पहले यहां के राजा ने किसी पाटीदार जाति के व्यक्ति की हत्या कर दी थी। ये हत्या होली के दिन ही हुई थी। मृतक की पत्नी उसकी लाश को गोद में लेकर सती हो गई और मरते-मरते श्राप दे गई। उसने कहा कि होली के दिन यदि यहां मानव रक्त नहीं गिरेगा तो प्राकृतिक आपदा आएगी। बस इसी मान्यता के चलते ही यहां हर वर्ष होली पर पत्थर मार होली खेली जाती है।