Ganesh Chaturthi 2018 : कोंकण तट पर स्थित गणपतिपुले मंदिर, गणेश जी स्वयं हुए यहां प्रकट

By: Priyanka Maheshwari Thu, 20 Sept 2018 4:32:44

Ganesh Chaturthi 2018 : कोंकण तट पर स्थित गणपतिपुले मंदिर, गणेश जी स्वयं हुए यहां प्रकट

गणेशोत्सव के दिनों में भक्तगण भगवान गणेश के मंदिरों में दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेते हैं। पूरे देशभर में गणपति जी के कई मंदिर हैं। लेकिन आज हम आपको गणपति जी के गणपतिपुले मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। इस मंदिर को स्वयंभू का खिताब भी दिया गया हैं, क्योंकि माना जाता है कि यहाँ गणपति जी स्वयं प्रकट हुए थे। हर साल यहाँ हजारों भक्तगण गणपति जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। तो आइये जानते हैं कोंकण तट पर स्थित गणपतिपुले मंदिर के बारे में।

कोंकण समुद्र तट पर श्री गणेश का विशाल मंदिर स्थापित है। मंदिर में भक्तों का तांता सालभर लगा रहता है व गणेशोत्सव के दौरान यहां की रौनक आकर्षण का केंद्र होती है। यहां स्थित स्वयंभू गणेश मंदिर पश्चिम द्वारदेवता के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। गणेश जी के इस प्राचीन मंदिर में लोग अपना भगवान का आशीर्वाद लेने दूर दूर से आते हैं और प्रसन्न होकर जाते हैं। कोंकण समुद्र तट पर स्थित यह मंदिर सुंदर बीच और स्वच्छ पानी के अलावा गणपतिपुले वनस्पति के मामले में भी काफी समृद्ध है। यह समुद्र तट मुंबई से 375 किलोमीटर की दूर, रत्नागिरि जिले में बना है। महाराष्ट्र राज्य में रत्नागिरि के एक छोटे से गांव में बने इस मंदिर वाले क्षेत्र में मैनग्रोव और नारियल के पेड़ों की भरमार है।

लोकप्रिय स्वयंभू गणपति मंदिर गणपतिपुले मंदिर के नाम से जाना जाता है और रत्नागिरि जिले में स्थित है। मंदिर आश्चर्यजनक 400 साल पुराना है और यह माना जाता है कि भगवान गणपति खुद यहां प्रकट हुए जिससे स्वयंभू का खिताब दिया गया। मंदिर में स्थित गणेश जी की मूर्ति सफेद रेत से बनी हुई है और सालाना हजारों भक्तों को आकर्षित करती है। यहां एक अखंड चट्टान से नक़्क़ाशा गया है। यह हजारों और हजारों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है, जो मंदिर में भगवान गणपति का आशीर्वाद पाने के लिए आते है। गणपति को पश्चिम द्वार्देवता माना जाता है। यह माना जाता है कि स्थानीय लोग जो गणपतिपुले में रहते हैं उन्हें खुद भगवान आशीर्वाद देकर उनकी देखबाल करते है। मोदक, भगवान गणपति का पसंदीदा भोजन बिल्कुल एक स्वादिष्ट मिठाई का भोग गणपतिजी को लगाया जाता है।

गणपतिपुले के स्थानीय लोग गणपति देवता के उपासक हैं। यहां के निवासी अत्यंत स्नेही और मेहमाननवाज हैं। वे मुखयतः मराठी में बातचीत करते हैं, हालांकि अंग्रेज़ी और हिन्दी में भी वे बातचीत अच्छे तरह से कर सकते हैं, क्योंकि ये जगह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। चूंकि गणपतिपुले अरब सागर के नजदीक स्थित है, इसीलिए यहां का मौसम वर्ष भर शानदार रहता है। हालांकि गर्मी में थोड़ा गर्म रहता है और पर्यटक आमतौर पर इस मौसम के दौरान यात्रा करना पसंद नहीं करते। यहां का क्षेत्र प्रचुर मात्रा में वर्षा होने से प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है। यहां सर्दियों के दिनों में शीतलता रहती है।

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