मात्र 10 से 100 रुपए में इस शहर में किराए पर मिलती है दुल्हन
By: Ankur Sat, 30 June 2018 09:12:35
इंसान अपने लालच के लिए किस हद तक गिर सकता हैं यह तो उसके कामों से ही पता चलता हैं। और आजकल हमारे देश में ऐसे कई काम होने लगे हैं जिनको लोगों को करते हुए तो शर्म नहीं आती है लेकिन हमें सुनने में शर्म आ जाती हैं। ऐसे ही एक काम का जिक्र आज हम करने जा रहे हैं और वो है देश के कई राज्यों में पत्नियां किराए पर देने का चलन। जी हाँ, पत्नियां किराए पर देने का चलन आजकल बहुत बढ़ गया हैं, खासकर मध्यप्रदेश में। आइये जानते हैं इसके बारे में।
देश के कई राज्यों में पत्नियां किराए पर देने का चलन शुरू हो चुका है। ताजा मामला मध्य प्रदेश में देखने को मिला है। इस राज्य में लिंग अनुपात में तेजी से कमी आ रही है। यही कारण है कि इस राज्य में इस तरह की घिनौनी हरकतों को अंजाम दिया जा रहा है।
यहां पर पत्नी को किराए पर देने की प्रथा को दधीच प्रथा के नाम से जाना जाता है और यहां पर मात्र 10 से 100 रुपए तक में पति खुद की पत्नी का सौदा करने लग गए है। पैसे लेने के बाद एक पेपर पर हस्ताक्षर कराने के बाद महिला का पति बदला जाता है। इस सौदे के पूरा होने के बाद महिला को दूसरे व्यक्ति को बेच दिया जाता है।
साल 2006 में नेत्रगंज तालुका में इस तरह का एक मामला सामने आया था। अता प्रजापति नाम का एक व्यक्ति अपनी पत्नी लक्ष्मी को मेहसाणा में एक अन्य व्यक्ति के साथ रहने के लिए भेज दिया था। जिसके बदले उसे आठ हजार रुपए महीना किराया मिल रहा था।
इस तरह की घटनाएं दलाल और बिचौलियों की वजह से भी बढ़ रही है। ये लोग महज अपने फायदे के लिए इस तरह के घटनाओं को अंजाम देते है। ये लोग गरीब परिवार की युवतियों को इस तरह के काम के लिए मजबूर कर रहे है। सबसे अधिक युवतियां मेहसाना, राजकोट और गांधीनगर जैसे जिलों से शिकार बन रही है।
इस घिनौने काम को करने के लिए दलाल 60 से 70 हजार रूपए तक लेते है, जिसके बाद दलाल गरीब लड़कियों के परिवारों को 15 से 20 हजार रूपए देते है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आदिवासी युवा महिलाओं को 500 रुपए से लेकर 60,000 रुपए तक में किराए पर मुहैया कराया जाता है।