अंधविश्वास के चलते पुरुषों ने नहीं उठाया प्रसूता का शव, महिलाओं ने निकाली अंतिम यात्रा, गांव के बाहर दफनाया

By: Priyanka Maheshwari Sun, 20 Oct 2019 11:26:46

अंधविश्वास के चलते पुरुषों ने नहीं उठाया प्रसूता का शव, महिलाओं ने निकाली अंतिम यात्रा, गांव के बाहर दफनाया

अंधविश्वास के कारण पुरुषों ने प्रसूता का शव दफनाने से इनकार कर दिया। यह मामला छत्तीसगढ़ में कांकेर के तुमसनार गांव से सामने आया है। दरअसल, तुमसनार की सुकमोतीन कांगे (32) ने राजस्थान के पंकज चौधरी (30) से 2016 में शादी की थी। सुकमोतीन मां बनने वाली थी, उसे प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया। 15 अक्टूबर की रात 2:30 बजे उसने बच्चे को जन्म दिया, शिशु की आधे घंटे बाद ही मौत हो गई। सुकमोतीन को जब इस बारे में पता लगा तो सदमे से उसने भी दम तोड़ दिया। जिसके बाद अंधविश्वास के चलते पुरुषों ने प्रसूता का शव दफनाने से इनकार कर दिया। यही नहीं उन्होंने शव को कंधा भी नहीं दिया। इसके बाद महिलाओं ने ही अंतिम यात्रा निकाली और शव गांव के बाहर जंगल में दफनाया। यहां ऐसा अंधविश्वास है कि किसी प्रसूता का शव गांव में दफनाने से वह भूत बन जाती है। प्रसूता के शव को शादीशुदा पुरुष हाथ भी नहीं लगाते।

अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने कहा, महिला का अंतिम संस्कार नहीं करने देना गलत है। यह साबित हो चुका है कि भूत-प्रेत का कोई अस्तित्व नहीं है। समिति गांव जाएगी। अंधविश्वास हटाने के लिए लोंगों को जागरूक करेगी।

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