कोरोना का कहर अभी भी जारी हैं और थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। हांलाकि अब लोग इके प्रति जागरूक हो चुके हैं और सबही एहतियात और सावधानियां बरत रहे हैं। अगर बात कोरोना से सावधानियों की आती हैं तो इसमें पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने अपना ध्यान रखा हैं। हाल ही में एक स्टडी के दौरान यह सामने आया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए आदमियों की तुलना में महिलाएं नियमों का पालन ज्यादा करती हैं।
यह स्टडी न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और येल यूनिवर्सिटी ने मिलकर की है और बीहेवर्ल साइंस एंड पॉलिसी नामक जर्नल में पब्लिश हुई है। शोधकर्ताओं ने पाया कि बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए महिलाओं को देखा गया। मास्क पहनने और सफाई रखने में वे आदमियों से आगे थीं। यह भी सामने आया कि कोरोना वायरस की चिंताओं को दूर करने के लिए महिलाओं ने विशषज्ञों को ज्यादा सुना।
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के फिजियोलोजी विभाग के पोस्टडॉक्ट्रल स्टूडेंट इर्माक ऑल्केसॉय ऑकटेन और इस पेपर के मुख्य लेखक ने वर्णन किया कि महामारी से पहले महिलाओं ने रोजमर्रा में अक्सर डॉक्टर के पास जाती रही हैं और उनकी सलाह को भी अच्छी तरह माना है। हालिया स्टडी मेडिकल अटेंशन में महिलाओं के बर्ताव को प्रदर्शित करती है। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं दूसरों की स्वास्थ्य सम्बन्धी जरूरतों पर भी ध्यान देती हैं इसलिए महामारी को रोकने के लिए महिलाओं का प्रयास अधिक हो, इसमें कोई हैरानी नहीं होगी।
अलग-अलग वीडियो और रिपोर्ट्स से पता चलता है कि मास्क के लिए कहने पर कैसे आदमियों ने तीव्र प्रतिक्रियाएं दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो जैसे कुछ नेताओं ने वायरस की गंभीरता का खुलकर विरोध किया है और बाद में दोनों संक्रमित हुए।
इस स्टडी के लिए अमेरिका के 800 लोगों से हाथ धोने, मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और परिवार के अलावा कितने मित्रों से दिन में संपर्क करना आदि सवाल किये गए। उन्होंने 9 मार्च से 29 मई के बीच लगभग 3,000 अमेरिकी काउंटियों और 15 मिलियन जीपीएस स्मार्ट-फोन निर्देशांक से जॉइंट जीपीएस डेटा का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि काउंटी में 9 मार्च से 29 मई के बीच महामारी बढ़ने के दौरान पुरुषों ने कम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। कम नियमों का पालन करने वालों में पुरुषों की संख्या ज्यादा थी।