विपक्ष की तरफ से PM पद का उम्मीदवार कौन! बोली ममता बनर्जी- 2019 चुनाव के बाद देखेंगे
By: Pinki Thu, 20 Dec 2018 1:53:00
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद ही चर्चा हो सकती है। बता दें कि द्रविड़ मुनेत्र कझागम (द्रमुक) के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित किया था, जिस पर ममता बनर्जी ने ये टिप्पणी की है।
ममता ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा कि 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद ही इस पर चर्चा हो सकती है। एकबार विपक्षी गठबंधन विजयी हो जाए फिर सभी पार्टियां बैठक कर इस मामले पर निर्णय लेंगी। हमें उसे स्वीकार करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भी इस दौड़ में शामिल हैं, उन्होंने कहा, 'इस मसले पर बात करने का यह वक्त नहीं है। मैं अकेले नहीं हूं। हम साथ में काम कर रहे हैं। हम मजबूती से साथ में हैं'। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि अगर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा समय से पहले होगी तो यह विपक्ष की एकता को विभाजित करेगी। कांग्रेस के बिना 2019 लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा के बीच गठबंधन पर ममता बनर्जी ने कहा, 'यह बहुत अच्छा है। यह स्थानीय मजबूती है और हम इसकी सराहना करते हैं।' उन्होंने कहा कि यहां पर इनके गठबंधन के कारण कांग्रेस अकेले भी चुनाव लड़ सकती है।
बीते दिनों डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम 2019 के चुनावों में प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया था।
चेन्नई में विपक्ष के कार्यक्रम में स्टालिन ने कहा था, 'राहुल के अंदर फासीवादी मोदी सरकार को हराने की क्षमता है। हम सभी को राहुल गांधी का साथ देना चाहिए और देश को बचाने में उनकी मदद करनी चाहिए'। स्टालिन के इस बयान के बाद खबर आई थी कि विपक्षी दलों के कई नेता 2019 के लोकसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन की ओर से किसी का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किये जाने के खिलाफ लगते हैं। विपक्षी खेमे के सूत्रों ने यह जानकारी दी थी। विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने बताया था, ‘‘विपक्ष के कई नेता प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में किसी का नाम घोषित किये जाने के खिलाफ हैं। सपा, तेदेपा, बसपा, तृणमूल और राकांपा स्टालिन की घोषणा से सहमत नहीं है। यह जल्दीबाजी है। लोकसभा परिणामों के बाद ही प्रधानमंत्री का निर्णय होगा।'' इससे पहले मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुए शपथ ग्रहण समारोह में महागठबंधन की झलक तो दिखी थी, लेकिन अखिलेश यादव, मायावती और ममता बनर्जी गठबंधन ट्रेवल्स की यात्रा से दूर ही रहे थे और उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में भी हिस्सा नहीं लिया था।