Social Media पर 'बाबा का ढाबा' के बाद छाए 'कांजी वड़े वाले बाबा', स्वरा भास्कर ने कही ये बात
By: Pinki Sat, 10 Oct 2020 5:25:08
दिल्ली वाले बाबा का ढाबा (Baba Ka Dhaba) के बाद अब सोशल मीडिया पर कांजी वड़े बेचने वाले आगरा के एक बाबा का वीडियो तेजी से वॉयरल हो रहा है। वीडियो को लाखों लोग अब तक देख चुके हैं। वीडियो वायरल होने के बाद आगरा के लोग भी बाबा के पास कांजी वड़े खाने के लिए पहुंच रहे हैं। वीड़ियो शेयर होने का सिलसिला अभी रुका नहीं है। ट्विटर, फेसबुक (Facebook) और व्हॉट्सऐप (Whatsapp) समेत सभी प्लेटफार्म पर जमकर शेयर हो रहा है। वीडियो पर फिल्म एक्ट्रेस स्वरा भास्कर की निगाह भी पड़ चुकी है। भास्कर ने कहा है कि हम सब को मिलकर आगरा वाले इन बाबा की मदद करनी चाहिए।
So here its a new step to come forward to him also the new baba is there, go agra go now its agra walo its your time to show #BabaKaDhaba #BabaKaOnlineDhaba #BabaKaDhabha pic.twitter.com/YnMdLhgY0r
— priyanshi jaiswal (@priyans07310308) October 9, 2020
ऐसे सामने आया कांजी वड़े वाले बाबा का वीडियो
आगरा के कमला नगर की रहने वालीं प्रिंयाशी जायसवाल प्रोफेसर कालोनी किसी काम से आती-जाती हैं। अक्सर वो कांजी वड़े वाले बाबा को देखती थीं। बाबा के पास कोई कांजी वड़े खाने नहीं आता था। बाबा ऐसे ही दिनभर बैठे रहते थे। प्रिंयशी के मुताबिक बाबा दालमोंठ और दही वड़े भी बेचते थे। लेकिन कोरोना की मार कहें या कुछ और लोगों ने यहां आना बंद कर दिया। तब प्रिंयशी ने बाबा का वीडियो बनाकर ट्विटर पर डाला तो देखते ही देखते 13 हज़ार से लोगों ने वीडियो शेयर कर दिया। 40 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने उस पर कमेंट किए। वहीं हज़ारों लोगों ने उसे लाइक भी किया।
यह थी बाबा का ढाबा वाले बाबा की कहानी
सोशल मीडिया पर दो दिन पहले एक वीडियो वायरल होना शुरू हुआ। वीडियो एक बुजुर्ग पती-पत्नी की कहानी पर था कि कैसे ये दंपति पिछले कई सालों से दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर में एक ढाबा चला रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से इनकी कमाई बिल्कुल बंद हो गयी। कमाई बंद हो जाने से परेशानियां इतनी हो गयीं कि खाने तक के पैसे नहीं रहे।
दरअसल ये 80 साल के बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ मालवीय नगर में एक छोटा सा ढाबा चलाते हैं, ढाबे का नाम ही ‘बाबा का ढाबा’ रखा हुआ है। ढाबा चला रहे बुजुर्ग बताते हैं कि ये ढाबा उन्होंने 1990 में शुरू किया था। लेकिन पिछले 30 सालों में कभी ऐसी परेशानी नहीं हुयी जितनी परेशानी उन्हें लॉकडाउन के दौरान झेलनी पड़ी।
बाबा और उनकी पत्नी बताती है कि उनके 3 बच्चे 2 बेटे और एक लड़की है। लेकिन तीनों में से कोई भी काम में साथ नहीं देता। दो वक्त के खाने के लिये उन्हें खुद ही कमाना पड़ता है।