विकास दुबे एनकाउंटर / विकास दुबे का बड़ा बेटा आया सामने, डरा-सहमा दादी से मिलने पहुंचा

By: Pinki Sat, 11 July 2020 1:18:09

विकास दुबे एनकाउंटर / विकास दुबे का बड़ा बेटा आया सामने, डरा-सहमा दादी से मिलने पहुंचा

गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर को 24 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका है। एनकाउंटर के बाद अब गैंगस्टर विकास दुबे की संपत्ति की जांच होगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विकास दुबे की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। उधर, यूपी पुलिस का विकास गैंग के खिलाफ ऑपरेशन जारी है। देर शाम विकास के अंतिम संस्कार के बाद उसका बड़ा बेटा आकाश लखनऊ में अपनी दादी सरला देवी से मिलने पहुंचा। जिसके बाद उसे पुलिस अपने साथ ले गई। वहीं, यूपी एसटीएफ ने ग्वालियर के रहने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। यूपी एसटीएफ ने ग्वालियर से ओमप्रकाश और अनिल पांडेय नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि 8 पुलिसवालों की हत्याकांड में नामजद आरोपी शशिकांत और शिवम दुबे को इन लोगों ने अपने यहां पनाह दी थी। आरोपियों पर कानपुर में केस दर्ज है। खबर यह भी है कि एसटीएफ 4 जुलाई को ही इनको उठा ले गई थी। इसका खुलासा शनिवार को तब हुआ जब एसटीएफ ने ग्वालियर पुलिस को इसकी सूचना दी। हालांकि, ग्वालियर पुलिस ने अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

उधर। यूपी एसटीएफ ने गैंगस्टर विकास की पत्नी ऋचा के बाद अब उसके साले राजू खुल्लर को भी रिहा कर दिया है। एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट ने राजू को मध्य प्रदेश के शहडोल से हिरासत में लिया था। विकास के संबंध में जानकारी जुटाने के लिए राजू से पूछताछ की गई। अब यूपी एसटीएफ की टीम राजू को शहडोल के बुढ़ार कस्बा छोड़कर आएगी।

डरा-सहमा बेटा दादी से मिलने पहुंचा

लखनऊ में शुक्रवार की देर रात विकास का बड़ा बेटा आकाश दुबे अचानक सामने आया। वह यहां कृष्णानगर के इंद्रलोक कॉलोनी स्थित घर में दादी से मिलने पहुंचा था। बताया जाता है कि वह विदेश से एमबीबीएस कर रहा है। हालांकि, इसकी अभी पुष्टि नहीं हो सकी है। इस दौरान वह डरा-सहमा सा दिखा और किसी सवाल का उत्तर नहीं दे सका। वह मकान में दाखिल होता, इससे पहले ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने उसे विश्वास में लेकर पूछताछ की और उसके बाद उसे घर पर छोड़ दिया। देर रात विकास की पत्नी ऋचा और अन्य सभी सदस्य कानपुर से लखनऊ स्थित घर लौट आए थे।

राशन की दुकान से 7 जिंदा बम मिले थे

शुक्रवार को बिकरु गांव में तलाशी के दौरान पंचायत भवन में संचालित राशन की दुकान में 7 जिंदा देशी बम बरामद हुए थे। बम निरोधक दस्ते ने गांव पहुंचकर बमों को निष्क्रिय किया था। यह दुकान विकास के नौकर दयाशंकर अग्निहोत्री के नाम आवंटित थी। उसे पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने गांव में मुनादी कराई कि यदि किसी के यहां असलहा, बम या अवैध सामान हो तो उसे पुलिस के हवाले कर दे। इसके लिए 24 घंटे की मोहलत दी गई है। कहा गया है कि इसके बाद यदि तलाशी के दौरान कुछ संदिग्ध मिलता है तो केस दर्ज होगा।

बता दे, ईडी ने विकास दुबे की संपत्ति की सूची उतर प्रदेश पुलिस से मांगी है। विकास दुबे के नाम से लखनऊ में दो बड़े मकान हैं। जय बाजपेयी, जो कि विकास दुबे का फाइनेंसर और सबसे विश्वस्त था, उसके माध्यम से विकास दुबे ने अपनी काली कमाई का हिस्सा दुबई और थाईलैंड में निवेश किया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के पहले के करीब 6.30 करोड़ रुपये की नगदी को विकास दुबे ने 2% सूद पर चलाया था। बताया जा रहा है कि जय बाजपेयी ने इस 2% को 5% छूट पर मार्केट में दे रखा है। विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे से पुलिस ने कई मामलों में पूछताछ की है। खासकर नेताओं और व्यापारियों के साथ संबंध को लेकर भी पूछताछ हुई है।

बता दें कि कानपुर कांड का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ एनकाउंटर में 10 जुलाई की सुबह मार दिया गया था। पुलिस का कहना है कि यूपी एसटीएफ की गाड़ी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी। गाड़ी की रफ्तार तेज थी। बारिश होने से रोड पर फिसलन थी। कानपुर में एंट्री से पहले अचानक रास्‍ते में गाड़ी पलट गई। पुलिस का कहना है कि इस हादसे में विकास दुबे और कई पुलिसवालों को भी चोटें आईं। इसके बावजूद विकास दुबे की नजरें पुलिस के चंगुल से बचकर भागने पर थी। उसने मौका पाकर एसटीएफ के एक जवान की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। इसी के बाद एनकाउंटर शुरू हो गया। एसटीएफ ने विकास दुबे से हथियार सौंप सरेंडर करने को कहा, लेकिन इसके बावजूद वह नहीं माना तो पुलिस को मजबूरन गोली चलानी पड़ी और इस तरह विकास दुबे का अंत हो गया।

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शिवली गांव में जश्न

उधर, विकास दुबे के खात्मे के साथ ही कानपुर के बिकरू और आसपास के गांवों में आज से एक नई सुबह हुई है। बिकरू गांव में में तो लोग अभी भी घरों में दुबके हैं, लेकिन कुछ दूर शिवली गांव में लोग जश्न मना रहे हैं। इस गांव के लोग विकास दुबे से इतना खौफ खाते थे कि उनका कहना है कि उन्हें आज नई आजादी मिली है। शिवली गांव में विकास दुबे की अदावत झेल रहे लल्लन वाजपेयी ने अपने घर में खुशियां मनाईं। लल्लन वाजपेयी के घर विकास दुबे ने साल 2002 में बम और गोलियों से हमला करवाया था।

पुलिसकर्मियों का सम्मान

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिसकर्मियों का कानपुर शहर में सम्मान किया गया। लोगों ने उन्हें फूल की मालाएं पहनाईं और उनका स्वागत किया। लाला लाजपत राय अस्पताल के बाहर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया।

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