उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलिया (Ballia) में कोटे की दुकान के आवंटन को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बुलाई गई खुली बैठक में एक शख्स की गोली मारकर हत्या के मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह (Dheerendra Singh) को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने राजधानी लखनऊ (Lucknow) से गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार 50 हजार के इनामी धीरेंद्र सिंह को एसटीएफ ने लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क के पास से उठाया है। अब तक इस मामले में पुलिस ने कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें से चार नामजद हैं और पांच अन्य शामिल है।
बलिया में बड़ी घटना के चौथे दिन बाद धीरेंद्र प्रताप सिंह को लखनऊ के जनेश्वर मिश्रा पार्क के पास उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गिरफतार किया है। उसके साथ दो अन्य को भी हिरासत में लिया गया है। धीरेंद्र प्रताप सिंह के साथ उत्तर प्रदेश एसटीएफ की कोई भी मुठभेड़ नहीं हुई, बड़े ही सामान्य तरीके से उसकी गिरफ्तारी की गई है। उसको गिरफ्तार करने के बाद एसटीएफ अपनी ऑफिस गोमतीनगर लेकर गई है।
दो नामजद अभियुक्त और गिरफ्तार
पुलिस ने दो नामजद अभियुक्त और 50-50 हजार के इनामी संतोष यादव और अमरजीत यादव को भी गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही मुख्य आरोपी समेत छह लोगों के खिलाफ रासुका और गैंगस्टर के तहत भी कार्रवाई की है।
गिरफ्तारी में लगी हैं 12 टीमें
इससे पहले पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चंद्र दुबे ने रेवती कांड के फरार आरोपियों के विरुद्ध 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। साथ ही आरोपियों के विरुद्ध रासुका व गैंगस्टर कानून के अंतर्गत कार्रवाई की घोषणा भी की है। इस मामले में पुलिस ने पहले दो आरोपियों देवेंद्र प्रताप सिंह व नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया था। घटना का मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू फरार चल रहा था। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 12 टीम गठित की हैं।
भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने बलिया गोली कांड के मामले में लगातार धीरेंद्र प्रताप सिंह के पक्ष में बयान दे रहे बैरिया के विधायक सुरेंद्र सिंह को तलब किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह की बयानबाजी से बेहद खफा हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने विधायक सुरेंद्र सिंह को आज शाम तलब किया। सुरेंद्र सिंह बलिया प्रकरण पर विवादित बयानों से चर्चा में हैं।
ये है पूरा मामला
बलिया जिले की ग्राम सभा दुर्जनपुर व हनुमानगंज की कोटे की दो दुकानों के आवंटन के लिए गुरुवार दोपहर को पंचायत भवन में खुली बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह और बीडीओ बैरिया गजेंद्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी। दुकानों के लिए चार स्वयं सहायता समूहों ने आवेदन किया, जिसमे दो समूहों मां सायर जगदंबा स्वयं सहायता समूह और शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह के बीच मतदान कराने का निर्णय लिया गया।
अधिकारियों ने कहा कि वोटिंग वही करेगा जिसके पास आधार अथवा अन्य कोई पहचान पत्र होगा। एक पक्ष के पास आधार व पहचान पत्र मौजूद था, लेकिन दूसरे पक्ष के पास कोई आईडी प्रूफ नहीं था। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया।
मामला बिगड़ता देख बैठक की कार्रवाई को स्थगित कर अधिकारी चले गए। इस बीच दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। आरोप है कि धीरेंद्र ने अपनी पिस्टल से फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें जयप्रकाश उर्फ गामा पाल की गोली लगने से मौत हो गई।