100 रुपये के मटमैले नोट बने परेशानी का सबब, जानें क्या है वजह
By: Priyanka Maheshwari Sun, 06 May 2018 6:02:18
पिछले दिनों हुई कैश किल्लत की खबर सुर्खियों में छाई रही वही एक बार फिर कैश किल्लत होने की खबरें आ रही हैं। इस बार 100 रुपये के नोटों पर संकट के बादल हैं। देश के कई राज्यों में कैश की किल्लत के बीच 100 रुपये के पुराने, मटमैले नोटों का मुद्दा गरमाता जा रहा है। बैंकर्स का मानना है कि 200 और 2000 के नोटों की ही तरह 100 रुपये के नोटों की सप्लाई भी कम है। क्योंकि 100 रुपये के ज्यादातर नोट एटीएम में डालने योग्य नहीं हैं क्योंकि कुछ नोट 2005 से भी पुराने हैं और कुछ बहुत ज्यादा मटमैले हैं। बैंकर्स ने आरबीआई से जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकालने की मांग की है। एक करंसी मैनेजर के मुताबिक अगर RBI 100 रुपये के नए नोट तेजी से नहीं लाएगी तो 500 रुपये के नोटों पर अधिक दबाव होगा।
बैंकर्स का मानना है कि अगर 100 रुपये के नए नोट बाजार में नहीं आते तो इससे 500 रुपये के नोट पर दबाव बढ़ेगा। इससे 500 रुपये के नोट की जमाखोरी बढ़ सकती है। आरबीआई ने नोटबंदी के बाद 100 के नोटों की आपूर्ति बढ़ाई थी। मगर यह पर्याप्त नहीं था, क्योंकि 2000 रुपये के नोट आने के बाद से 100 के नोट इसके छुट्टे के रूप में ज्यादा इस्तेमाल हुए। उस समय 500 रुपये के नोटों की सप्लाई काफी कम थी।
एक बैंक मैनेजर के मुताबिक नोटबंदी के समय मटमैले नोट्स का प्रयोग किया गया था लेकिन ये नोट अभी भी चल रहे हैं। हालांकि इनकी हालत ज्यादा खराब है और इन्हें सुरक्षित रखना मुश्किल है।
आरबीआई ने 2016-17 में 100 रुपये के 258.6 करोड़ पीस नोटों को डिस्पोज किया, जबकि पिछले 2 वित्त वर्ष में यह 510 करोड़ पीस से अधिक था। चलन में मौजूद कुल करंसी में 100 रुपये के नोटों का हिस्सा 10 फीसदी से बढ़कर 19.3 फीसदी हो गया। इसमें मटमैले नोटों का बड़ा हिस्सा था।