पीएम मोदी के ट्विट से हर कोई हैरान, सियासी समंदर में उठा बवंडर

By: Pinki Tue, 03 Mar 2020 10:24:10

पीएम मोदी के ट्विट से हर कोई हैरान, सियासी समंदर में उठा बवंडर

पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बताया कि आने वाले रविवार को वो सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर को छोड़ने की सोच रहे हैं। पीएम मोदी के इस ट्विट के बाद देश में हलचल सी मच गई है। उनके इस ट्वीट के बाद हजारों की संख्या में ट्वीट आए कि नो सर ऐसा मत करिए। सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही है। कुछ लोगों का कहना है कि इसके पीछे पीएम मोदी का कोई बड़ा प्लान है। कहा जा रहा है कि मोदी सरकार एक ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाने पर काम कर रही है, जो पूरी तरह से देसी होगा। यानी इसमें विदेशी कंपनियों या एक्सपर्ट का कोई दखल नहीं होगा, ये प्लेटफॉर्म पूरी तरह से मेड इन इंडिया होगा। इस चर्चा के साथ ही ‘हर काम देश के नाम’ जैसे कैंपेन को लॉन्च करना बड़ा संकेत हो सकता है। वही, पीएम मोदी के इस ट्विट के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। उनके हर ट्वीट की तरह इस ट्वीट पर भी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरु हो गया और इन प्रतिक्रियाओं में कई राजनेताओं के नाम भी शामिल थे। राहुल गांधी, अखिलेश यादव और शशि थरूर सहित कई राजनेताओं ने पीएम मोदी के सोशल मीडिया छोड़ने के विचार पर नसीहत दी और साथ ही अटकलें भी साझा कीं।

पीएम मोदी का ट्वीट: आइए आपको बताते हैं कहानी कहां से और कैसे शुरु हुई। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट करते हुए ऐसे संकेत दिए कि वह आने वाले दिनों में सोशल मीडिया से दूरी बना सकते हैं। पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा, 'इस रविवार को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को छोड़ने के बारे में सोच रहा हूं। आप सभी को इस बारे में जानकारी दूंगा।'

राहुल गांधी ने किया पलटवार: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के इस ट्वीट पर उन्हें नसीहत दे डाली। उन्होंने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'नफरत को छोड़िए, सोशल मीडिया को नहीं।'

शशि थरूर की चिंता कुछ और : शशि थरूर अपने ट्वीट में कहते हैं कि पीएम ने जिस तरह से सोशल मीडिया को छोड़ने की बात कही है। उससे कई तरह की शंकाओं को बल मिला है मसलन क्या इन सेवाओं को देशभर में बंद कर दिया जाएगा। पीएम मोदी इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल अच्छी और सकारत्मक चीजों के लिए किया जा सकता है। इसमें ऐसा नहीं है कि सिर्फ नफरत की बातों का ही प्रचार प्रसार होता है।

अखिलेश यादव ने दी नसीहत : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष क्या कुछ पीएम के ट्वीट पर कहते हैं उसे भी समझना जरूरी है। सामाजिक संवाद के रास्ते बंद करने की सोचना अच्छी नहीं है बात... छोड़ने के लिए और भी बहुत कुछ सार्थक है साहब... जैसे सत्ता का मोह-लगाव, विद्वेष की राजनीति का ख़्याल, मन-मर्ज़ी की बात, चुनिंदा मीडिया से करवाना मनचाहे सवाल और विश्व विहार... कृपया इन विचारणीय बिंदुओं पर भी करें विचार!

खुशबू सुंदर का कटाक्ष : उन्होंने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि वे ऑस्कर में प्रतिभागियों को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। मेरा विश्वास कीजिए वे ऑस्कर जीत जाएंगे। आपको बता दें कि खुशबू सुंदर साउथ की एक्टर हैं और वे कांग्रेस में फिलहाल सक्रिय हैं। दरअसल ये पहली बार नहीं है जब खुशबू सुंदर ने प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लिया हो। इससे पहले उन्होंने बॉलीवुड कलाकारों से पीएम मोदी की मुलाकात पर भी हमला बोला था।

धोखे में न रखें पीएम : कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मोदी से कहा है कि अगर उन्हें दिल्ली दंगों का दुख है तो सोशल मीडिया नहीं प्रधानमंत्री का पद छोड़ना चाहिए। अधीर ने यह भी कहा कि हो सकता है मोदी ऐसा मौजूदा मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कर रहे हों। कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा कि क्या अब मोदी साधु-संत बन जाएंगे। उन्होंने आगे यह भी कहा कि ऐसे आधा ऐलान करना लोगों को धोखे में रखने जैसा है। उन्हें जनता को बताना चाहिए कि पूरी बात क्या है। चौधरी ने कयास लगाए कि हो सकता है कि दिल्ली दंगों से मोदी दुखी हों और इसपर कुछ बोलें।

हालाकि, राहुल गांधी के ट्विट पर कर्नाटक बीजेपी ने पलटवार किया और सोनिया गांधी के पुराने नाम को याद किया। कर्नाटक बीजेपी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, 'प्रिय राहुल गांधी, भारत में अब राजीव फिरोज गांधी या एडविज एंटोनिया अलबिना मायनो का शासन नहीं है। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार है। उम्मीद है कि आपको सच्चाई का एहसास होगा।' गौरतलब है कि मूल रूप से सोनिया गांधी इटली की हैं और उनका असली नाम एडविग एंटोनिया अलबिना मायनो है जिनका जन्म 9 दिसंबर 1946 को लुसियाना में हुआ था। बीजेपी की ओर से इससे पहले भी प्रेस कॉन्फ्रेंस सहित कई मौकों पर सोनिया गांधी के पुराने नाम का इस्तेमाल हुआ है।

आपको बता दे, सोमवार को जब पीएम मोदी ने ये संकेत दिए थे, तो ट्विटर पर रिएक्शन की बाढ़ आ गई। लोगों की ओर से अपील की ने लगी की वो ऐसा ना करें, ट्विटर पर #NoSir ट्रेंड करने लगा। हालांकि, कुछ लोगों ने कहा कि शायद पीएम कुछ नया विचार लाने वाले हैं, जिसका खुलासा इस रविवार को होगा।

बता दे, पीएम मोदी के ट्विटर पर 53.3 मिलियन फॉलोवर्स हैं। जबकि वे खुद 2,373 लोगों को ट्विटर पर फॉलो करते हैं। वहीं फेसबुक की बात की जाए तो फेसबुक पर पीएम मोदी को 44,597,317 लोग फॉलो करते हैं। इंस्टाग्राम पर पीएम मोदी को 35.2 मिलियन लोग फॉलो करते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के यूट्यूब अकाउंट पर कुल 4.5 मिलियन सब्सक्राइबर हैं।

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