राजस्थान में किसानों की कर्जमाफी - कांग्रेस जो कहती है वह करती है : सचिन पायलट
By: Priyanka Maheshwari Thu, 20 Dec 2018 09:00:45
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने भी किसानों का कर्जमाफ करने की घोषणा कर दी है। राजस्थान में 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएंगे। इस घोषणा के बाद राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा है कि हमारी सरकार ने चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी द्वारा किए गए वादे को बिना देरी पूरी करने का काम किया है। पायलट ने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में कभी अंतर नहीं रहा और कांग्रेस जो कहती है वह करती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों ने दो लाख तक की ऋण माफी पहले ही कर दी थी और आज हमारी सरकार ने भी यह कदम उठाकर अपने संकल्प को पूरा किया है।
बता दे, सरकार के इस कदम से सरकारी खजाने पर करीब 18000 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। इससे पहले मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में शपथ ग्रहण के कुछ घंटों बाद ही कर्जमाफी की घोषणा कर दी गई । राजस्थान सरकार द्वारा कर्जमाफी की घोषणा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'हमने दस दिन की बात कही थी लेकिन दो ही दिन में कर दिया।' बुधवार को मुख्यमंत्री पद सँभालते ही अशोक गहलोत ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में यह फैसला किया। उन्होंने बताया कि इसके तहत राज्य के किसानों का सहकारी बैंकों का सारा बकाया कर्ज माफ किया जाएगा। वहीं वाणिज्यिक, राष्ट्रीयकृत व ग्रामीण बैंकों में कर्जमाफी की सीमा दो लाख रुपये रहेगी। उन्होंने कहा कि कर्ज की गणना के लिए 31 नवंबर 2018 की समय सीमा तय की गई है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सचिन पायलट ने कहा है कि हमारी सरकार ने चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी द्वारा किए गए वादे को बिना देरी पूरी करने का काम किया है। पायलट ने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में कभी अंतर नहीं रहा और कांग्रेस जो कहती है वह करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों ने दो लाख तक की ऋण माफी पहले ही कर दी थी और आज हमारी सरकार ने भी यह कदम उठाकर अपने संकल्प को पूरा किया है।
पायलट ने कहा कि कांग्रेस की सोच सदैव गांव, गरीब और किसान को भी विकास की प्रक्रिया के साथ सतत जोड़े रखने की रही है और आज जबकि प्रदेश का किसान केंद्र की भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण पीड़ा में है, हमारी सरकार अपना दायित्व समझती है कि किसानों को एक बार राहत मिले जिससे वे नए सिरे से शुरुआत कर सकें। पायलट ने एक बयान में कहा कि भाजपा सरकार ने अनेक शर्तों के साथ जिस 50 हजार रुपये की कर्जमाफी की घोषणा की थी वह खोखली साबित हुई क्योंकि वह केवल सहकारी बैंक का ऋण था जो पहले तो 50 हजार से कम था और उस पर शर्तें होने से किसान परेशान हुआ जबकि हमारी सरकार राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिए दो लाख तक के फसली ऋण को भी माफ करने जा रही है।
उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा बुधवार रात कर दी। संवाददाताओं से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा ,' पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव अभियान के दौरान वादा किया था कि हमारी सरकार बनेगी तो हम 10 दिन में कर्ज माफ करेंगे। हमने अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी यह बात रखी थी।' इसी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए आज ही इस आशय के आदेश जारी कर दिए गए। वही पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार पर आरोप लगाते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि किसानों के 50 हजार रुपये तक के कर्जमाफ करने के अपने वादे को भी पूरा नहीं करके गई। उन्होंने कहा कि कर्जमाफी के तहत वसुंधरा सरकार को कुल 8000 करोड़ रुपये को बोझ उठाना था, लेकिन वह 2000 करोड़ रुपये ही चुकाकर 6000 करोड़ रुपये का बोझ इस सरकार के लिए छोड़ गई। गहलोत ने इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय में आला अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया।
गौरतलब है कि चुनावी नतीजे आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा था कि सबसे पहले हमारी प्राथमिकता किसानों की कर्जमाफी की होगी। राहुल गांधी ने कहा था कि यह जीत किसानों की है। युवाओं की है। छोटे दुकानदारों की है। राहुल गांधी ने कहा कि अब बदलाव का समय है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि पीएम मोदी ने किसानों के साथ जो वादा किया था वह भी टूटा है। उन्होंने कहा कि हम जहां जीते हैं, वहां ऐसी सरकार देंगे उसपर लोग गर्व करेंगे। उन्होंने कहा था कि सरकार का गठन होते ही किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा।
बता दें कि मध्यप्रदेश में में कर्ज माफी जून 2009 के बाद के कर्जदार किसानों की होगी। इसमें लगभग 33 लाख किसानों को फायदा होगा। प्रदेश के किसानों पर सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण विकास बैंक और निजी बैंकों का 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है।