राजस्थान / अब सरकार और राजभवन के बीच शुरू हुई जंग, CM गहलोत ने राज्यपाल पर लगाए बड़े आरोप
By: Pinki Fri, 24 July 2020 2:41:51
राजस्थान में लगातार गहराते जा रहे सियासी संकट के बीच अब राज्यपाल बनाम मुख्यमंत्री के बीच जंग छिड़ती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से कहा गया है कि उन्होंने विधानसभा सत्र बुलाने की अपील की है, लेकिन राज्यपाल की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है। सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद राजभवन जाने से पहले होटल फेयरमोंट के बाहर मीडिया में बड़ा बयान दिया। सीएम ने कहा कि कल राज्यपाल से मिलकर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग रखी थी। हमें उम्मीद थी राज्यपाल रात तक विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति देंगे। लेकिन हमें दुख है कि राज्यपाल ने कोई फैसला नहीं किया। ऊपर से दबाव के कारण वे सत्र बुलाने का निर्देश नहीं दे रहे हैं।
खबर है कि राज्यपाल की ओर से कहा गया है कि अभी भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस के विधायक कोरोना वायरस से पीड़ित हैं। ऐसे में विधानसभा का सत्र बुलाना ठीक नहीं होगा। यानी अशोक गहलोत गुट को पहले हाईकोर्ट से झटका लगा और अब राजभवन से भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
सीएम गहलोत ने कहा कि हम विधानसभा के फ्लोर पर दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहते हैं। हमारे पास बहुमत है। गहलोत ने कहा कि राज्यपाल से अभी भी फोन पर बात की है। हमने जल्द सत्र बुलाए जाने की अनुमति देने की मांग की है। अगर अनुमति नहीं देते हैं तो हमारे सभी विधायक राजभवन जाकर राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करेंगे। गहलोत ने कहा कि राज्यपाल दबाव में ना रहे। अंतरात्मा की आवाज पर फैसला लें। अन्यथा जनता राजभवन को घेरेगी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।
ऐसी स्थिति में अब अशोक गहलोत सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जा सकता है। जिसमें तत्काल विधानसभा का सत्र बुलाने और बहुमत साबित करने की बात की जा सकती है। हालांकि, अभी राज्यपाल की ओर से विधानसभा सत्र की ओर से कोई अंतिम निर्णय आना भी बाकी है।
अशोक गहलोत का कहना है कि उन्होंने राज्यपाल से कहा है कि अगर वो सत्र नहीं बुलाते हैं तो वह सभी विधायकों को लेकर उनके पास आ रहे हैं और सत्र बुलाने की अपील करेंगे। हालांकि, इसपर भी अभी राज्यपाल की ओर से इजाजत नहीं मिली है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अशोक गहलोत ने कहा कि राज्यपाल पर केंद्र की ओर से दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन उन्होंने संविधान की शपथ ली है और ऐसे में उन्हें किसी के दबाव में नहीं आना चाहिए। सीएम ने कहा कि अगर राज्य की जनता आक्रोशित होकर राजभवन का घेराव कर लेती है, तो फिर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने कहा कि राजभवन को जनता घेर लेगी। ऐसा बयान उन्हें नहीं देना चाहिए। वे यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा साजिश कर रही है। मेरा कहना है कि गहलोत को मौजूदा स्थिति का कानूनी दायरे में रहकर मुकाबला करना चाहिए।'
संवैधानिक पद है और गरिमा है
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सरकार गिराने की ऐसी परपंरा ऐसी नहीं रही है। भैरोसिंह शेखावत की सरकार उनके ही साथी गिरा रहे थे। तब मैंने साथ देने से इंकार किया था। गहलोत ने कहा कि अभी राज्यपाल से फोन पर बात की है। उनका संवैधानिक पद है और गरिमा है। वरना हमारे साथी विधायक मिलकर मांग करेंगे। गहलोत ने कहा कि सोमवार से हम विधानसभा सत्र चाहते हैं।
गहलोत बोले ऐसा नंगा नाच कभी नहीं देखा
गहलोत ने आरोप लगाया कि हमारे साथी बीजेपी की देखरेख में बंधक हैं। वो भी वहां से छूटना चाहते हैं। कइयों की आंखों में आंसू आ रहे हैं। वो वापस आना चाहते हैं। पूरा खेल बीजेपी और उनके नेताओं के षड्यंत्र का है। राजस्थान में भी दूसरे प्रदेशों की तरह करना चाहते हैं। गहलोत ने कहा कि कोरोना में हमने शानदार मैनेजमेंट किया, लेकिन इस दौर में निचले स्तर पर राजनीति हो रही है। गहलोत ने कहा कि ऐसा नंगा नाच कभी नहीं देखा।
बता दें कि अशोक गहलोत का दावा है कि उनके पास पूर्ण बहुमत है, ऐसे में सत्र बुलाकर राज्य के संकट के साथ साथ इस संकट पर भी चर्चा हो जाएगी और सबकुछ जनता के सामने आ जाएगा।
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