जगन्नाथ पुरी की परंपरा नहीं टूटेगी, SC ने रथ यात्रा को दी हरी झंडी लेकिन रखी ये शर्त

By: Pinki Mon, 22 June 2020 4:45:14

जगन्नाथ पुरी की परंपरा नहीं टूटेगी, SC ने रथ यात्रा को दी हरी झंडी लेकिन रखी ये शर्त

जगन्नाथ पुरी में कल रथयात्रा निकलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है, लेकिन श्रद्धालुओं को शामिल होने की इजाजत नहीं होगी। दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पुरी रथ यात्रा पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गई हैं। जिस पर आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुरी के अलावा ओडिशा में कहीं और यात्रा नहीं निकाली जाएगी।

बता दे, सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को ही यात्रा पर रोक लगा दी थी, लेकिन कोर्ट के फैसले के खिलाफ 6 रिव्यू पिटीशन आ गईं। याचिकाओं में अपील की गई कि रथयात्रा को बदले रूप में निकालने की परमिशन देने पर विचार किया जाए। पुरी शहर को टोटल शटडाउन कर और जिले में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगाकर यात्रा निकालने का प्रस्ताव दिया गया।

केंद्र सरकार ने याचिका दायर कर कहा था कि श्रद्धालुओं को शामिल किए बिना यात्रा निकाली जा सकती है। सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रथयात्रा करोड़ों लोगों की आस्था का मामला है। भगवान जगन्नाथ कल बाहर नहीं आ पाए तो फिर 12 साल तक नहीं निकल पाएंगे, क्योंकि रथयात्रा की यही परंपरा है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एक दिन का कर्फ्यू लगाकर यात्रा निकाली जा सकती है। ओडिशा सरकार ने भी इसका समर्थन किया था कि कुछ शर्तों के साथ आयोजन हो सकता है।

कोर्ट ने कहा था- लोगों की हिफाजत के लिए यात्रा नहीं होनी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को रथयात्रा पर रोक के फैसले में कहा था कि कोरोना महामारी के समय यात्रा की परमिशन दी तो भगवान जगन्नाथ हमें कभी माफ नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा था कि जब महामारी फैली हो, तो ऐसी यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती, जिसमें भारी भीड़ आती हो। लोगों की सेहत और उनकी हिफाजत के लिए इस साल यात्रा नहीं होनी चाहिए। चीफ जस्टिस की बेंच ने ओडिशा सरकार से कहा कि इस साल राज्य में कहीं भी रथ यात्रा से जुड़े जुलूस या कार्यक्रमों की इजाजत न दी जाए।

परंपरा तोड़ना ठीक नहीं: पुरी पीठ के शंकराचार्य

स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि इस मामले में दोबारा विचार करें। उन्होंने पुरी मठ से जारी अपने बयान में कहा- ‘किसी की यह भावना हो सकती है कि अगर इस संकट में रथयात्रा की परमिशन दी जाए तो भगवान जगन्नाथ कभी माफ नहीं करेंगे, लेकिन सदियों पुरानी परंपरा तोड़ी तो क्या भगवान माफ कर देंगे।’

बता दें कि रथ यात्रा के शुरू होने में अब कुछ ही घंटे का समय बचा है। मुहुर्त के मुताबिक 23 जून यानी कि मंगलवार से रथ यात्रा की शुरुआत होनी है।

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