बाड़मेर : बच्चों के अपराध से परिजन अनजान, शहर भेजा था पढ़ने और करते थे चोरीयां

By: Ankur Sun, 25 Oct 2020 1:00:24

बाड़मेर : बच्चों के अपराध से परिजन अनजान, शहर भेजा था पढ़ने और करते थे चोरीयां

पढ़ाई करने के लिए घरवाले गांव से अपने बच्चों को शहर भेजते हैं लेकिन कई बच्चे अपनी आदतों के चलते गलत काम की ओर रूख कर लेते हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला जोधपुर में जहां सदर थाना पुलिस ने वाहन चोरी की घटनाओं में बड़ा खुलासा करते हुए गरीब परिवारों के 3 युवकों को गिरफ्तार किया है, जिनकी उम्र 20 से 23 साल तक है। गांव से इन्हें माता-पिता ने शहर पढ़ने के लिए भेजा, लेकिन यहां गलत संगत में पड़ गए और ऐश-मौज के पैसों के लिए चोरियां को अंजाम देते थे।

इतना ही नहीं ये बाइक चुराने के बाद उन्हीं के गांव में भोले-भाले गरीब लोगों को 5-7 हजार रुपए में बेच देते थे। सदर थाना पुलिस ने ऐसे ही 3 युवकों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से बाड़मेर व बालोतरा शहर से चोरी की गई 10 बाइक बरामद की है और कई बाइक बरामद होने की संभावना है।

आरोपियों से पुलिस गहन पूछताछ कर रही है। सदर थानाधिकारी रामनिवास विश्नोई ने बताया कि शहर में लगातार बढ़ रही वाहन चोरी की घटनाओं को देखते हुए एसपी आनंद शर्मा, डीएसपी महावीरप्रसाद शर्मा के निर्देशन में एएसआई जाकीर अली व हैड कांस्टेबल पूनमचंद विश्नोई की गठित टीम ने आरोपियों की तलाश में बाड़मेर शहर, कवास, उत्तरलाई, उण्डखा, बलाऊ, लीलसर, सनावड़ा व धोरीमन्ना, रामजी का गोल व गुड़ामालानी में दबिश दी।

इस दौरान घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। इसके बाद अलग-अलग मुखबीर से आरोपियों की तलाश की गई। इस पर दिलीप उर्फ दिनेश पुत्र बांकाराम जाट निवासी पंवारिया तला लीलसर, सुरेश कुमार पुत्र लाधूराम विश्नोई निवासी बारूंड़ी गुड़ामालानी व पुखराज पुत्र रावताराम नाई निवासी आदर्श ढूंढा कवास को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इस तीनों आरोपियों ने बाड़मेर व बालोतरा शहर से बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम देना कबूल किया है। आरोपियों के कब्जे से दस बाइक बरामद की गई है।

परिजन बोले हमने तो शहर पढ़ने भेजा था

दिलीप उर्फ दिनेश, सुरेश और पुखराज को पुलिस ने बाइक चोरी के मामले में गिरफ्तार किया और पूछताछ में दो दर्जन बाइक चोरी की घटनाओं काे अंजाम देना स्वीकार किया। इसके बाद जब परिजनों ने पता चला कि उनके बेटों को पुलिस ने बाइक चोरी के मामले में गिरफ्तार किया है।

गरीब परिवारों के परिजन पुलिस के सामने हाथ जोड़ते हुए बोले कि हमने तो पढ़ने के लिए शहर भेजा था। बोले कि हम पढ़ाई के साथ-साथ काम भी कर रहे है, लेकिन ऐसे कारनामे कर सकते है यकीन भी नहीं हो रहा है। पुलिसकर्मियों ने कहा कि इनके कब्जे से दस बाइक बरामद हुई तो परिजनों के भी होश उड़ गए कि उनके लाडले पढ़ने की बजाय ऐश-मौज के लिए बाइक चोरियां करते थे।

ऐसे हुई चोरियों की शुरुआत

दिनेश गरीब परिवार से है और गांव से पिता से पैसे लेकर शहर पढ़ने के लिए आया था, लेकिन अपने दोस्तों और पिता से पैसे लेकर उधारी ज्यादा कर ली। इस पर शहर आकर यहां बाइक चोरियों को अंजाम देता था। आरोपी दिनेश बाइक चोरी के बाद अपने जानकार लोगों को ही 5-7 हजार में यह कहते हुए बेच देता था कि बाकी पैसे जब कागज दूं तब दे देना।

सुरेश और दिनेश दोनों साथ मिलकर बाइक चोरी करते थे। पुखराज उत्तरलाई में नाई की दुकान चलाता था। सुरेश और दिनेश हेयर कटिंग के लिए गए थे तब इससे पूछा था कि रोज कितना कमा लेते हो। पुखराज ने कहा कि दिनभर में 300-400 रुपए मिलते है। इस पर इन्होंने कहा कि हमारे साथ आ जाओ रोजाना 5 हजार कमाओगे।

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