'परीक्षा पे चर्चा': जब एक स्टूडेंट ने पूछा - परीक्षा के दौरान मूड ऑफ हो जाता है, कैसे खुद को प्रेरित करूं?, PM मोदी ने दिया चंद्रयान का उदाहरण

By: Pinki Mon, 20 Jan 2020 1:18:27

'परीक्षा पे चर्चा': जब एक स्टूडेंट ने पूछा - परीक्षा के दौरान मूड ऑफ हो जाता है, कैसे खुद को प्रेरित करूं?, PM मोदी ने दिया चंद्रयान का उदाहरण

दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'परीक्षा पे चर्चा 2020' कार्यक्रम में 2,000 स्टूडेंट्स और टीचर्स को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मैं- आपका दोस्त, साथी और मददगार बनकर ये कार्यक्रम कर रहा हूं। मैं यहां बिल्कुल वैसे बात करूंगा जैसे आप अपने दोस्त से बात करते हैं। आपकी मेरी और बातचीत की ' #Withoutfilter' के तौर पर बातचीत करेंगे। बता दे, इस कार्यक्रम में कुल 2,000 स्टूडेंट्स और टीचर्स हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें से 1,050 छात्रों का चयन निबंध प्रतियोगिता के जरिए किया गया है। वहीं कार्यक्रम में सवाल-जवाब का सेशन शुरू हुआ। पीएम मोदी से बच्चों ने कई तरह के सवाल पूछे। इस दौरान एक छात्र ने पूछा क्या परीक्षा का अंक ही सबकुछ है? इस पर पीएम मोदी ने कहा - कोई परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है बल्कि एक पड़ाव है। हमें इसे पूरे जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव मानना चाहिए। मां-बाप से मैं प्रार्थन करना चाहता हूं कि ये नहीं तो कुछ नहीं का मूड नहीं बनाना चाहिए। कुछ न हुआ तो जैसे दुनिया लुट गई, ये सोच आज के युग में उपयुक्त नहीं है। जीवन के किसी भी क्षेत्र में जा सकते हैं।

वही राजस्थान की एक स्टूडेंट यश श्री ने सवाल किया कि बोर्ड परीक्षा के दौरान मूड ऑफ हो जाता है। कैसे मैं खुद को प्रेरित करूं? इस पर पीएम मोदी ने कहा- मूड ऑफ अधिकतर ऐसा बाहर की परिस्थितियों की वजह से होता है। दूसरी ओर गलत सोचने की वजह से आपको मूड ऑफ होना लाजिमी है। उन्होंने चद्रयान 2 का उदाहरण देते हुए बहुत अच्छी बात कही। उन्होंने कहा 'चंद्रयान के लॉन्चिंग के दिन आप सब रात को जाग रहे थे, आपका चंद्रयान को भेजने में कोई योगदान नहीं था, वैज्ञानिकों ने मन लगाकर काम किया, जब चंद्रयान सफल नहीं हुआ तो आप सबके साथ पूरा देश डिमोटिवेट हो गया था। कभी-कभी विफलता हमको ऐसा कर देती है।'

उन्होंने कहा 'उस दिन मैं भी वहां मौजूद था। कई लोग कह रहे थे कि मोदी को इस कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए था, कुछ लोग कह रहे थे कि आप जाएंगे और फेल हो गया तो क्या करोगे, मैंने कहा था इसीलिए मुझे जाना चाहिए। और जब आखिर कुछ मिनट थे मैं देख रहा था वैज्ञानिकों के चहरों पर बदलाव दिख रहा है, तनाव दिख रहा है, मुझे लग रहा था कि कुछ अनहोनी हो रही है, फिर थोड़ी देर में आकर मुझे बताया, मैंने कहा कि ठीक है कि आप ट्राई करिए फिर 10 मिनट बाद बताया नहीं हो रहा है, फिर मैंने चक्कर लगाया, रात को करीब 3 बजे मैं अपने होटल पर गया। मैं चैन से बैठ नहीं पाया।'

पीएम मोदी ने आगे कहा 'सोने का मन नहीं कर रहा था। हमारी पीएमओ की टीम अपने कमरे में चली गई थी। आधा-पौन घंटा ऐसे ही बिताया चक्कर काट रहा था, मैंने फिर सबको बुलाया। मैंने कहा कि देखिए सुबह हमको जाना है, सुबह हम जल्दी नहीं जाएंगे, देर से जाएंगे। ये वैज्ञानिक सुबह 7 से 7।30 एकत्र हो सकते हैं क्या? उनसे पूछिए।'

उन्होंने कहा, 'मैंने वैज्ञानिकों को इकट्ठा किया, मैंने अपनी बात कही, उनके परिश्रम को सराहा। एक पूरा माहौल बदल गया, पूरे देश का माहौल बदल गया। बाद में क्या हुआ आपने टीवी पर देखा है। हम विफलताओं में भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं। हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए, इसका मतलब ये है कि आप सफलता की ओर चल पड़े हैं। अगर वहीं रुक गए फिर तो कितनी भी ट्रैक्टर लगा दो, आप नहीं निकल सकते हो।'

बता दे, इस कार्यक्रम का यूट्यूब पर सीधा प्रसारण किया जा रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उन छात्रों का चयन किया है जो पांच विषयों पर उनके द्वारा प्रस्तुत निबंधों के आधार पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछेंगे। 9वीं से 12वीं तक के बच्चों से पीएम मोदी कर रहे हैं बात।

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