डॉक्टरों ने किया कमाल, साढ़े 7 घंटे की सर्जरी के बाद जोड़ा ASI का कटा हाथ
By: Pinki Mon, 13 Apr 2020 3:12:22
पटियाला के सनौर रोड पर रविवार सुबह 7 से 8 निहंग सिखों ने बहस के बाद ड्यूटी पर तैनात एएसआई का हाथ काट दिया। घटना के बाद एएसआई को तत्काल पीजीआई चंडीगढ़ के एडवांस ट्रॉमा सेंटर लाया गया। जिसके बाद चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टरों की टीम ने साढ़े सात घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद एएसआई की कटी हुई कलाई को वापस जोड़ दी है। प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के अलावा अन्य सीनियर डॉक्टर्स ने 7 घंटे 30 मिनट की सर्जरी के बाद हरजीत सिंह का हाथ जोड़ा। हालांकि, इसमें सिस्टम की तेजी भी बेहद महत्वपूर्ण रही है। पटियाला में वारदात होते ही पीजीआई में इसकी जानकारी दे दी गई थी। घायल एएसआई के आने से पहले ही प्लास्टिक सर्जरी और एनेस्थीसिया की टीम गठित कर दी गई थीं। आते ही सर्जरी शुरू कर दी गई थी।
डॉक्टरों की पूरी टीम को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पंजाब डीजपी ने सैल्यूट किया है। चंडीगढ़ पीजीआई डायरेक्टर प्रो जगतराम ने भी इस ऑपरेशन को बड़ी कामयाबी बताया है और डॉक्टर्स की टीम को बधाई दी।
दरअसल, पंजाब पुलिस का एएसआई सुबह अपनी ड्यूटी पर तैनात था। तभी किसी बात को लेकर निहंग सिखों से बहस हो गई। बहस अचानक इतनी बढ़ गई कि निहंग सिखों ने एएसआई की कलाई काट दी। इससे उसका हाथ अलग हो गया। मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने तत्काल एएसआई का कटा हुआ हाथ उठाया और स्थानीय अस्पताल पहुंचाया। जहां से एएसआई को डॉक्टरों ने पीजीआई रेफर कर दिया। सुबह 7 बजकर 45 मिनट पर एएसआई को पीजीआई लाया गया। सीनियर डॉक्टरों की टीम ने के 7 घंटे 50 मिनट तक प्लास्टिक सर्जरी के जरिए हाथ को दोबारा जोड़ दिया।
देर हो जाती तो सर्जरी करना मुश्किल होता
डिपार्टमेंट ऑफ प्लास्टिक सर्जरी के एचओडी आरके शर्मा ने बताया एएसआई का हाथ तय स्टैंडर्ड के तहत लाया गया, जिससे हमारी टीम को ऑपरेशन करने में थोड़ी आसानी हुई। जिस हालत में एएसआई का हाथ पीजीआई लाया गया, उसमें अगर कुछ देर और हो जाती तो सर्जरी करना मुश्किल होता। हमने पहले ही डॉक्टर्स, एनेस्थीसिया और नर्सिंग स्टाफ की टीम बना ली थी। 10 बजे हाथ को री-इंप्लांट करना शुरू किया। पहले एनेस्थीसिया टीम ने मरीज को बेहोश किया। ऑपरेशन के दौरान मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया। सबसे पहले हड्डी जोड़ी। इसके बाद हाथ की नसों को रिपेयर कर जोड़ा। 20-25 मांसपेशियों को जोड़ा गया। 2 नर्व्स को जोड़ा गया। इस पूरे प्रोसेस में 7 घंटे 30 मिनट लगे। ज्यादा समय नसों को रिपेयर करने में लगता है, क्योंकि इन्हीं के जरिए ब्लड सर्कुलेशन संभव हो पाता है। टीम ने शाम 5:05 बजे ऑपरेशन करने में सफलता हासिल की। ऑपरेशन सफल रहा और हाथ बिल्कुल सही तरीके से जुड़ गया है। अगले 24 से 48 घंटे मरीज और हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इस दौरान हाथ में ब्लड सर्कुलेशन शुरू हुआ या नहीं, इसका पता चल जाता है। उम्मीद है सब सही होगा।
डॉक्टर आरके शर्मा ने कहा कि मरीज की विल पावर मजबूत थी, क्योंकि पटियाला में उनके सामने ही कटे हाथ को उठाया गया। सर्जरी सफल रही, अब आगे भी एएसआई की विल पावर ही रिकवरी में काम आएगी।