अब आपके कंप्यूटर पर नजर रखेंगी 10 एजेंसियां, मोदी सरकार ने जारी किया आदेश
By: Pinki Fri, 21 Dec 2018 12:28:12
मोदी सरकार ने एक ऐसा आदेश जारी किया है, जिसके तहत अब किसी भी कंप्यूटर का डेटा सरकार खंगाल सकती है। गृह मंत्रालय ने कंप्यूटर के डेटा की जांच के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो से लेकर NIA तक दस केंद्रीय एजेंसियां को ऐसे अधिकार दिए गए हैं जिससे वह अब किसी भी कंप्यूटर में मौजूद, रिसीव और स्टोर्ड डेटा समेत किसी भी जानकारी की निगरानी, इंटरसेप्ट और डिक्रिप्ट कर सकती हैं। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने गुरुवार को इस बारे में आदेश जारी किए। इन एजेंसियों में इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल टैक्स बोर्ड, राजस्व खुफिया निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, कैबिनेट सचिवालय (आर एंड एडब्ल्यू), डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस (जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ-ईस्ट और आसाम के क्षेत्रों के लिए) और पुलिस आयुक्त, दिल्ली का नाम शामिल है। इस आदेश के अनुसार सभी सब्सक्राइबर या सर्विस प्रोवाइडर और कंप्यूटर के मालिक को जांच एजेंसियों को तकनीकी सहयोग देना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो उन्हें 7 साल की सज़ा देने के साथ जुर्माना लगाया लगाया जा सकता है। इसके बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला और इसे निजता के अधिकार पर हमला बताया। गृह मंत्रालय ने आईटी एक्ट, 2000 के 69 (1) के तहत यह आदेश दिया है जिसमें कहा गया है कि भारत की एकता और अखंडता के अलावा देश की रक्षा और शासन व्यवस्था बनाए रखने के लिहाज से जरूरी लगे तो केंद्र सरकार किसी एजेंसी को जांच के लिए आपके कंप्यूटर को एक्सेस करने की इजाजत दे सकती है।
- हालांकि, सरकार के इस आदेश पर कांग्रेस ने जोरदार हमला किया। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार का यह आदेश मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार भी यह निजता आपका मौलिक अधिकार है। निजता के अधिकार पर यह आदेश चोट पहुंचाता है। इस आदेश से सरकार देश के हर नागरिक की पूरी जानकारी को देखने की अनुमति दे रही है। इससे प्रजातंत्र को भी बड़ा खतरा पैदा हो गया है। हमने ये कहा है कि सरकार की तरफ से एक भारी संख्या में जो सम्मानित लोग हैं, सांसद हैं या बड़े अधिकारी या सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के जज के टेलीफोन भी चेक हो रहे हैं। हम इसका विरोध करेंगे। यह किसी भी प्रजातंत्र के लिए स्वीकार्य नहीं है।
- कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे निजता पर सरकार का हमला करार दिया और ट्वीट कर कहा कि ' अबकी बार, निजता पर वार। मोदी सरकार खुलेआम निजता के अधिकार का हनन कर रही और मज़ाक उड़ा रही है। पिछला चुनाव हारने के बाद मोदी सरकार अब आपके कंप्यूटर की जासूसी करना चाहती है। NDA के DNA में बिग ब्रदर सिंड्रोम सचमुच में समाहित है।'
- वहीं समाजवादी पार्टी के राम गोपाल ने कहा कि सरकार का यह आदेश खतरनाक है। यह सरकार पूरी तरह से तानाशाही के रास्ते पर है। विधानसभा चुनाव में हार की वजह से यह आदेश। मैं चेता देता हूं कि यह आदेश सिर्फ चार महीने के लिए है। उसके बाद देश में किसी और की सरकार होगी तो अपने लिए गड्ढ़ा न खोलें।
- वहीं सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि 'क्यों हर भारतीय के साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार किया जा रहा है? हर नागरिक की जासूसी करने की चाहत रखने वाला ये आदेश असंवैधानिक है और टेलीफ़ोन टैपिंग गाइडलाइंस, निजता के अधिकार पर आदेश और आधार पर आदेश का उल्लंघन है।'