मोदी कैबिनेट ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को दी मंजूरी, 4 स्टार रैंक के बराबर होगा पद, बिपिन रावत का नाम सबसे ऊपर

By: Pinki Tue, 24 Dec 2019 5:48:39

मोदी कैबिनेट ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को दी मंजूरी, 4 स्टार रैंक के बराबर होगा पद,  बिपिन रावत का नाम सबसे ऊपर

थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (chief of defence staff) को केंद्रीय कैबिनेट मंजूरी दे दी है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद पर 4 स्टार जनरल रैंक के सैन्य अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। वह सैन्य विभाग का प्रमुख भी बनाया गया है। देश की तीनों सेनाएं सैन्य विभाग के तहत आएंगी। उसको तीनों सेनाओं के प्रमुखों के बराबर सैलरी दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के अनुसार, मोदी कैबिनेट ने ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ का पद बनाने के लिए सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCS) की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने गृह मंत्रालय में हुई हाई लेवल मीटिंग में CCS की रिपोर्ट पेश की थी। इस मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के अलावा, तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे।

केंद्र सरकार ने चीफ ऑफ डिपेंस स्टाफ पद को मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी तक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के नाम की घोषणा नहीं की गई है। रक्षा मंत्री से सीधे बिना रक्षा सचिव की मंजूरी के चीफ ऑफ डिफेंस मुलाकात कर सकेंगे।

इस पद पर उस चार स्टार जनरल रैंक के अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा, जिसको सैन्य प्रबंधन में विशेष योग्यता हासिल होगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा सैन्य विभाग में सिविल ऑफिसर और मिलिट्री ऑफिसर शामिल होंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का चेयरमैन भी बनाया गया है यानी वह चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का चेयरमैन भी होगा।

बता दे, देश के पहले CDS के लिए मौजूदा थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत का नाम सबसे ऊपर है। बताया जा रहा है कि CDS सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को रिपोर्ट करेंगे और सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की कमिटी में वह सैन्य बलों की ओर से सिंगल विंडो से सलाह देंगे। हालांकि सैन्य सेवाओं से जुड़े विशेष मामलों में तीनों सेनाओं के चीफ पहले की तरह रक्षामंत्री को सलाह देते रहेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ तीनों सेनाओं के प्रमुखों समेत किसी भी सैन्य कमांड के अधिकारों का भी इस्तेमाल नहीं करेगा।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अपने पद से रिटायर होने के बाद बिना मंजूरी के न किसी सरकारी पद को धारण नहीं करेगा और न ही किसी प्राइवेट संस्थान में नौकरी करेगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सैन्य अभियान के दौरान तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बैठाने का काम करेगा।

बता दें कि 1999 में हुए कारगिल युद्ध के बाद तत्कालीन डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद की सिफारिश की थी, ताकि तीनों सेनाओं के बीच उचित तालमेल रहे। स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने CDS पद बनाने की घोषणा की थी।

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