विपक्ष ने चुनाव आयोग से की शिकायत, कहा - बैलेट पेपर पर चुनाव निशान कमल के नीचे लिखा है 'BJP'

By: Priyanka Maheshwari Sun, 28 Apr 2019 08:30:07

विपक्ष ने चुनाव आयोग से की शिकायत, कहा - बैलेट पेपर पर चुनाव निशान कमल के नीचे लिखा है 'BJP'

चुनाव आयोग से शनिवार को विपक्षी पार्टियों के नेताओं के एक समूह ने शिकायत की है कि बैलेट पेपर पर भाजपा (BJP) के चुनाव निशान कमल के नीचे बीजेपी लिखा हुआ दिख रहा है और इसे हटाने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश देने के लिए कहा है। मुख्य चुनाव आयोग सुनील अरोड़ा से मुलाकात करते हुए मांग की है कि बैलेट पेपर से या तो भाजपा का नाम हटाया जाए, या फिर अन्य पार्टियों का नाम भी लिखा जाए। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'ईवीएम पर पार्टी के निशान के नीचे बीजेपी शब्द दिख रहा है। कोई भी पार्टी चुनाव निशान और पार्टी का नाम एक साथ इस्तेमाल नहीं कर सकतीं।

हालांकि, चुनाव आयोग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि विपक्षी पार्टियों का दावा गलत है। उन्होंने कहा, '2013 के मध्य भाजपा ने चुनाव आयोग से कहा था कि उनके चुनाव निशान की रूपरेखा बहुत ही हल्की है, इसे और ज्यादा गहरा होना चाहिए। उनकी अपील के आधार पर कमल के फूल की रूपरेखा को बोल्ड कर दिया गया। कमल के फूल के नीचे का पानी भी इसमें शामिल था। पानी की ये लाइनें 'एफ और पी' की तरह दिखती हैं, लेकिन यह भाजपा नहीं है।' साथ ही उन्होंने बताया कि इस निशान का इस्तेमाल साल 2014 से किया जा रहा है।

तृणमूल ने आरोप लगाया था कि बैलेट पेपर पर बीजेपी के निशान 'कमल' के तने के नीचे दिखाई देने वाली रेखाएं टूटी हुई हैं, जो कि बैलेट पेपर पर 'बीजेपी' के रूप में दिख रही हैं, जिन्हें आसानी से पढ़ा जा सकता है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक बैलेट पेपर नहीं बदला जाएंगे। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाते हुए कहा कि आदर्श आचार संहिता ‘मोदी कोड आफ कंडक्ट' (मोदी आचार संहिता) बन गयी है।

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आचार संहिता के ‘उल्लंघनों' पर चुनाव आयोग की ‘चुप्पी' पर सवाल उठाया और कहा कि वह दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अदालतों का दरवाजा खटखटा सकती है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि दोनों नेताओं ने चुनाव के दौरान सभी दलों के लिए समान अवसर के मुद्दे पर ‘धोखा' किया है। उन्होंने इस पर निगरानीकर्ता, चुनाव आयोग की ‘चुप्पी' पर सवाल उठाया।

साथ ही सिंघवी ने कहा कि हमें आचार संहिता उल्लंघनों के लिए कार्रवाई की मांग करते हुए अदालतों का रुख करने का अधिकार है। हम इस विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। निगरानीकर्ता ने अपनी आंखें बंद कर ली है।'

सिंघवी ने कहा कि चुप्पी को मंजूरी समझा जा सकता है। उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को यह कहते हुए दुख हो रहा है कि चुनाव आयोग के दूसरे शब्द से ‘सी' हट गया है और वह मोदी... शाह जोड़ी के लिए ‘‘इलेक्शन ओमिशन'' बन गया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी और शाह आचार संहिता के दायरे से बाहर हैं। उन्होंने आचार संहिता को ‘‘मोदी कोड आफ कंडक्ट'' करार दिया।
(इनपुट एजेंसी)

सिंघवी ने दावा किया कि दोनों नेताओं ने तीन श्रेणियों में आचार संहिता का व्यापक उल्लंघन किया है: वोटों का ध्रुवीकरण, प्रचार में सशस्त्र बलों का उल्लेख करना और चुनाव वाले दिन रैलियां करना।

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