ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के वारिस हैं ज्योतिरादित्य, आइए डालते है एक नजर उनके सियासी सफर पर

By: Pinki Tue, 09 June 2020 4:34:03

ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के वारिस हैं ज्योतिरादित्य, आइए डालते है एक नजर उनके सियासी सफर पर

पूरे देश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे है, भारत में रोजाना 10 हजार मामले सामने आ रहे है। ऐसे में अब इस वायरस के चपेट में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी मां माधवी राजे सिंधिया भी आ गए है। मध्यप्रदेश के गुना से पूर्व सांसद और भाजपा के वरिष्‍ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी मां को कोरोना हो गया है। उन्‍हें इलाज के लिए मैक्‍स अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। अस्‍पताल ने उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव होने की पुष्‍टि कर दी है। दिल्‍ली के साकेत मैक्‍स असपताल में फिलहाल इनका इलाज चल रहा है। मंगलवार को ही दोनों की कोरोना वायरस टेस्ट की रिपॉर्ट पॉजिटिव आई है। मिली जानकारी के अनुसार भाजपा की ओर से राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल से सीधे दिल्ली आ गए थे। इसके बाद जब लॉकडाउन की घोषणा हुई तब से वे दिल्ली में ही हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले कुछ वक्त से लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं, जब उन्होंने मध्य प्रदेश में चुनाव के कुछ वक्त बाद ही कांग्रेस से बगावत कर दी थी। पहले उनके समर्थन वाले विधायकों ने इस्तीफा दिया और कमलनाथ की सरकार गिरवा दी। कुछ वक्त बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़कर, भाजपा का दामन थाम लिया। यूं तो सिंधिया खानदान का भारतीय जनता पार्टी से पुराना नाता रहा है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया शुरुआत से कांग्रेस में ही थे। ऐसे में आइए एक नजर डालते है कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के सियासी सफर...

- ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के वारिस ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म 1 जनवरी, 1971 को हुआ था।

- उनके पिता माधवराव सिंधिया, कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे थे। लेकिन 2001 में हुई एक हादसे में मृत्यु के बाद 2002 में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी राजनीति में आ गए।

- साल 2019 तक ज्योतिरादित्य मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं। 2019 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार केपी. यादव ने गुना से उन्हें हरा दिया था। सिंधिया की हार कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ।

- ज्योतिरादित्य सिंधिया मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और ऊर्जा राज्य मंत्री का पद संभाल चुके हैं।

- अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया की पढ़ाई की बात करें, तो उन्होंने शुरुआती पढ़ाई दून स्कूल से पूरी की, इसके बाद हॉर्वर्ड और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। सिर्फ राजनीति ही नहीं बल्कि अमेरिका में करीब 4 साल ज्योतिरादित्य सिंधिया लिंच, संयुक्त राष्ट्र, मार्गेन स्टेनले जैसे संगठनों में प्रोफेशनल काम भी कर चुके हैं।

- ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया भारतीय जनता पार्टी की संस्थापक सदस्यों में से एक रही हैं। उनके बाद माधवराव सिंधिया ने भी जनसंघ से शुरुआत की, लेकिन 1980 में कांग्रेस में चले गए।और अब ज्योतिरादित्य भी बीजेपी में हैं।

अरविंद केजरीवाल का हुआ कोरोना टेस्ट

आपको बता दे, दिल्ली में बढ़ता कोरोना संक्रमण का हमला सीएम अरविंद केजरीवाल पर भी हुआ है। सीएम अरविंद केजरीवाल को भी बुखार और गले में खराश के कारण आज कोविड-19 का टेस्‍ट कराया। उनकी रिपोर्ट आ शाम या फिर कल सुबह तक आ सकती है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को हुआ था कोरोना

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा को भी कोरोना हुआ था। उन्‍होंने 8 जून को कोरोना को मात देकर अस्‍पताल से छुट्टी मिली थी। उन्‍हें गुरुग्राम के मेंदाता अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनका टेस्‍ट कराया गया जिसके बाद कोरोना की टेस्‍ट में रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद संबित पात्रा ने ट्वीट किया और कहा है कि आप सभी के आशीर्वाद और प्रार्थना के बल से मैं स्वास्थ्य लाभ कर अपने घर लौटा हूं। संपूर्ण रूप से ठीक होने में और थोड़ा वक्त लगेगा। आपके आशीर्वाद के लिए मेरा दंडवत् प्रणाम।

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