इसरो ने किया रिसेट-2बी उपग्रह का सफल प्रक्षेपण, खुफिया निगरानी, कृषि, वन और आपदा प्रबंधन को मिलेगी मदद
By: Pinki Wed, 22 May 2019 07:32:29
अंतरिक्ष में भारत को एक और उपलब्धि मिली है। बुधवार को सुबह 5:30 बजे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रडार इमेजिंग अर्थ सैटेलाइट (रिसैट-2बी) को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया। इस प्रेक्षपण के बाद अब ये सैटैलाइट हर मौसम में बादलों के बावजूद सही तस्वीरें ले सकता है। मतलब ये भी कि खुफिया गतिविधियों में इससे काफी मदद मिलेगी। ये उपग्रह 555 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है। रीसेट-2 के लगभग सात साल बाद भारतीय राडार इमेजिंग उपग्रहों की सीरिज में रीसेट-2बी की लॉन्चिंग हुई है।
615 किलोग्राम वजनी इस उपग्रह को प्रक्षेपण के 15 मिनट बाद पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा गया। रिसैट की सेवा निरंतर बनी रहे, इसके लिए 300 किलोग्राम के रिसैट-2बी सैटेलाइट के साथ सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इमेजर भी भेजा गया है।
रिसैट-2 की कमी दूर करेगा ‘सार’
इसरो के सूत्रों के मुताबिक, बादल छाए होने पर रेगुलर रिमोट सेंसिंग या ऑप्टिकल इमेजिंग सैटेलाइट जमीन पर मौजूद चीजों की स्थिति ठीक से नहीं दर्शा पाते। सार इस कमी को पूरा करेगा। यह हर मौसम में चाहे रात हो, बादल हो या बारिश हो रही हो ऑब्जेक्ट की सही तस्वीर जारी कर सकता है। इससे आपदा राहत कार्य में लगे लोगों और सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलेगी।
#RISAT2B "spy satellite" is capable of keeping a lookout from space even in cloudy conditions. It will leave no room for doubt the next time when our armed forces conduct an operation such as the Balakot air strike. #PSLVC46 https://t.co/d5j60kKb29
— Pinky Rajpurohit (ABP News) 🇮🇳 (@Madrassan_Pinky) May 22, 2019
अब चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की तैयारी
रिसैट-2बी के प्रक्षेपण से पहले इसरो प्रमुख के सिवन ने मंगलवार को तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अब इसरो चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसे 9 जुलाई से 16 जुलाई के बीच प्रक्षेपित किया जाना है। सिवन ने कहा कि इसरो को उम्मीद है कि चंद्रयान-2 का रोवर 6 सितंबर तक (चंद्रमा की सतह पर) उतार दिया जाएगा।