क्या भारत में 21 दिन का लॉकडाउन काफी? जाने क्या कहना है WHO का?
By: Pinki Fri, 03 Apr 2020 12:57:02
कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए भारत की कोशिशों की विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तारीफ की है। कोविड-19 के लिए डब्ल्यूएचओ के विशेष प्रतिनिधि डॉ डेविड नवारो ने देश में जारी लॉकडाउन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यूरोप और अमेरिका जैसे विकसित देशों ने जहां कोरोना को गंभीरता से नहीं लिया, वहीं भारत में इस पर तेजी से काम हुआ। एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत में 21 दिन का लॉकडाउन काफी है? इस पर जवाब देते हुए डेविड नवारो ने कहा कि लॉकडाउन को जारी रखने या खत्म करने का फैसला कई बातों को ध्यान में रखकर किया जा सकता है। लॉकडाउन को कब, कहां और कितना खत्म किया जाए, इसका फैसला संक्रमण की संख्या से तय होता है। अगर आप किसी संक्रमित से बात करें तो पता चलेगा कि वह कितने लोगों से मिला है। उनमें भी संक्रमण होने की संभावना है। लॉकडाउन के दौरान संपर्क में आने वाले लोगों की संख्या बेहद ही सीमित हो सकती है। जिससे इसकी रोकथाम में मदद मिल सकती है।
जो देश लॉकडाउन के दौरान लोगों से मिलने वालों की संख्या पर नजर रख सकते हैं, वे संक्रमण भी थाम सकते हैं। जहां तक लॉकडाउन हटाने का सवाल है, तो यह देखा जाना चाहिए कि हमारी स्वास्थ्य सुविधाएं कितनी तैयार हैं। क्या मेडिकल स्टाफ को प्रोटेक्टिव गियर मिल सके हैं। क्या स्थानीय स्तर पर बचाव की सामग्री उपलब्ध है। साथ ही बीमारी से बचाव को लेकर हमारा समुदाय कितना तैयार है - क्या पंचायत, जिले से लेकर हर स्तर पर लोग बचाव के तौर-तरीके जानने लगे हैं। क्या वे बचाव का प्रोटोकॉल समझ सके हैं। इन सवालों के जवाब मिलने पर आप संक्रमण के फैलाव वाले इलाकों की पहचान कर सकते हैं। जहां ज्यादा संक्रमण हो, वहां लॉकडाउन जारी रखा जाए, बाकी जगह खोल सकते हैं। लेकिन सावधानी जरूरी है।
डॉ डेविड नवारो ने कहा कि मैं जानता हूं कि लोगों को लॉकडाउन के दौरान बहुत परेशानी होती है। लेकिन, यह वायरस बेहद खतरनाक है। आप यूरोप और अमेरिका में इसका असर देख चुके हैं। कई बार सरकार को सख्त फैसले लेने पड़ते हैं। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार सभी मुमकिन कदम उठाएगी। 21 दिन में जरूरी इंतजाम हो गए, तो लॉकडाउन खोला जा सकता है। अगर यह नहीं खुलता है, तो इसका मतलब है कि अभी समस्या से मुकाबले की तैयारी पूरी नहीं है। कोई भी लॉकडाउन को लंबे वक्त तक जारी रखना नहीं चाहेगा। यह सबके लिए बहुत परेशानी भरा है। लेकिन अगर जरूरत पड़ी, तो भारत सरकार यह फैसला लेगी, क्योंकि उसने अब तक काफी सख्ती दिखाई है। वे पूरी प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं।