केजरीवाल का धरना 8वें दिन जारी, सत्येंद्र जैन के बाद बिगड़ी सिसोदिया की तबियत, कीटोन स्तर 7.4 तक पहुंचा
By: Priyanka Maheshwari Mon, 18 June 2018 3:15:35
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने तीन मंत्रियों के साथ अफसरों की हड़ताल खत्म करवाने के लिए पिछले आठ दिनों से धरने पर हैं। रविवार आधी रात को खबर थी कि मंत्री सत्येंद्र जैन की तबीयत बिगड़ गई थी उसके बाद उन्हें राजधानी के लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों के अनुसार उनका ब्लड प्रेशर और शुगर कम हुआ है। एलएनजेपी अस्पताल के डॉ. जेसी पासी के मुताबिक सत्येंद्र जैन फिलहाल ठीक हैं। सुबह से ही उनकी तबीयत खराब थी। उन्हें सिर दर्द और उल्टी हो रही थी। साथ ही सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उनका किटोन काफी कम हो गया था। उनकी हालत देख उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उनका सिर दर्द कम है। वही अब मनीष सिसोदिया की तबियत बिगड़ने की बात सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार मनीष सिसोदिया का कीटोन स्तर 7.4 तक पहुंच गया है।
शिवसेना भी केजरीवाल के समर्थन में
- वहीं केजरीवाल और उनके मंत्रियों को न सिर्फ चार प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों का समर्थन मिला है बल्कि कई विपक्षी दलों का भी साथ मिला है। इसी सिलसिले में आज बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना भी केजरीवाल के समर्थन में उतर आई है।
- शिवसेना नेता संजय राउत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केजरीवाल ने जिस तरह का आंदोलन शुरू किया है वह बेहद ही अलग है। उद्धव ठाकरे ने केजरीवाल से बात की है और कहा है कि उन्हें दिल्ली के लिए काम करने का अधिकार है क्योंकि वो जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार हैं। उनके साथ जो कुछ भी हो रहा है वह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
The type of movement Arvind Kejriwal has started is a unique one. Uddhav Thackeray had a conversation with him & said that Kejriwal has the right to work for Delhi because they are the elected govt. Whatever is happening to them, it's not good for democracy:Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/HicE0nSDI5
— ANI (@ANI) June 18, 2018
नकवी का केजरीवाल पर तंज-करने में जीरो, धरने में हीरो
आम आदमी पार्टी के धरना प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि काम करने में ज़ीरो, धरने में हीरो, करना कुछ नहीं, धरना सब कुछ। नकवी के मुताबिक, यही आप वालों की सोच है, जो उस विश्वास को नष्ट कर रही है, जो दिल्ली के लोगों में उनमें जताया था।
अरविन्द केजरीवाल संवैधानिक दायित्वों के प्रति गंभीर नहीं हैं
- कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को कहा कि वह अपने संवैधानिक दायित्वों के प्रति गंभीर नहीं हैं जिसके कारण दिल्ली के लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
- उन्होंने आप नेता द्वारा राज निवास में पिछले तीन दिन से दिये जा रहे धरने को लेकर भी उनकी आलोचना की।
- दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी शीला दीक्षित ने कहा कि ऐसे समय में जब कि शहर भीषण जल संकट और अन्य समस्याओं से परेशान हो , तब सरकार के मुखिया का उप राज्यपाल के कार्यालय में धरना दिया जाना ‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’ है।
- कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने केजरीवाल को ‘भारी’ बहुमत प्रदान किया। उनके पास अपने दायित्वों से बचने तथा आम आदमी को कष्ट एवं पीड़ा देने का कोई अधिकार नहीं है।
- शीला ने कहा कि आप (केजरीवाल) क्या सन्देश दे रहे हैं ? इसका (धरने का) कोई तुक नहीं है। दिल्ली के लोग बहुत निराश हैं क्योंकि वे उन्हें भारी बहुमत से लाये थे। दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। भाजपा ने केवल तीन सीटें जीती हैं। आपने सूपड़ा साफ किया और अब उसका आप कैसे दुरूपयोग कर रहे हैं ?
केजरीवाल को किसने दी एलजी ऑफिस में धरने की अनुमति : हाईकोर्ट
एलजी ऑफिस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के धरने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि आप इस तरह से किसी के घर या दफ्तर में घुसकर धरना या हड़ताल नहीं कर सकते। कोर्ट ने पूछा है, सीएम केजरीवाल को किसने उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना देने की अनुमति दी? क्या एलजी ऑफिस में बैठने के लिए एलजी की इजाजत ले ली गई है।
वहीं, बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने भी याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट से गुजारिश की है कि केजरीवाल को हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया जाए। केजरीवाल और उनके सहयोगियों के एलजी हाउस में चल रहे धरने के ख़िलाफ़ एक जनहित याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट ने आज सुनवाई की। जनहित याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री और मंत्री हड़ताल नहीं कर सकते क्योंकि वो संवैधानिक पदों पर होते हैं। इसलिए हड़ताल को असंवैधानिक और ग़ैरक़ानूनी क़रार दिया जाए। याचिका में ये भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री को ज़िम्मेदारी निभाने का आदेश दिया जाए क्योंकि हड़ताल की वजह से दिल्ली का सारा कामकाज ठप हो गया है। वहीं हाइकोर्ट में एक और याचिका दायर कर मांग की गई है कि वो दिल्ली सरकार के आईएएस अफ़सरों की हड़ताल ख़त्म करने का आदेश दे।