कोरोना मरीजों को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, साथ रहेगा एक व्यक्ति, अस्पतालों में लगेंगे CCTV कैमरे

By: Pinki Sat, 20 June 2020 08:58:18

कोरोना मरीजों को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, साथ रहेगा एक व्यक्ति, अस्पतालों में लगेंगे CCTV कैमरे

देश में कोरोना मरीजों की संख्या 3 लाख 95 हजार 812 हो गई और लगातार इसमें तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। वहीं इस बीच कोरोना मरीजों को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अब कोविड अस्पतालों में मरीजों के साथ एक तीमारदार यानी हेल्पर रह सकता है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को कोविड अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के भी निदेश दे दिए हैं।

कोरोना मरीजों को हो रही दिक्कत पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि कोरोना मरीज की इच्छा पर अस्पताल प्रशासन को उनके तीमारदार यानी हेल्पर को अस्पताल में रहने की इजाजत देनी होगी। हालांकि, तीमारदार केवल उसी स्थान पर रहेगा जहां पर अस्पताल प्रशासन उनसे रुकने के लिए कहेगा। इसी के साथ सभी अस्पतालों को अपने यहां एक हेल्प डेस्क बनाना होगा ताकि लोग मरीजों के बारे में जानकारी ले सकें।

इसके अलावा देश में लगातार बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए पीठ ने सभी राज्यों को डॉक्टरों और विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया है जो कोरोना अस्पताल में मरीजों के इलाज पर नजर रखेगी। इसके साथ ही यह कमेटी समय समय पर अस्पतालों को जरूरी निर्देश भी देगी। दिल्ली की विशेषज्ञ कमेटी को हफ्ते में कम से कम एक बार अस्पतालों को निरीक्षण करने का आदेश दिया है।

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय को यह आदेश भी दिया है कि वह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना जांच व अन्य सुविधाओं के लिए उचित दर तय करे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय से कहा कि वह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक समान रूप से संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी अपनाने के लिए गाइड लाइन जारी करे। पीठ ने इस बात पर नाराजगी जताई कि महाराष्ट्र सरकार कोरोना मरीजों या उनके रिश्तेदारों को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट साझा नहीं कर रही है। पीठ ने राज्य सरकार को कोरोना रिपोर्ट देने के लिए कहा है। पीठ ने कहा, हर संगठन, हर व्यक्ति को कमियों, खामियों के बारे में जानने के लिए तैयार होना चाहिए। कमियों और खामियों को जानने के बाद, उपचारात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

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