DSP देवेंद्र केस NIA को देने पर भड़के राहुल गांधी, कहा - अब नतीजा आने की उम्मीद नहीं
By: Pinki Fri, 17 Jan 2020 1:20:22
जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किए गए देवेंद्र सिंह को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है। शुक्रवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विट में लिखा कि देवेंद्र सिंह को चुप करने का सबसे बेहतरीन तरीका यही है कि उसे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के हवाले कर दें। एनआईए का नेतृत्व एक और मोदी- ‘वाई के’ करते हैं, जिन्होंने गुजरात दंगों और हरेन पांड्या की हत्या की जांच की थी। वाई के की देखरेख में भी इस केस में कोई नतीजा आने की उम्मीद नहीं है।
The best way to silence Terrorist DSP Davinder, is to hand the case to the NIA.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 17, 2020
The NIA is headed by another Modi - YK, who investigated the Gujarat Riots & Haren Pandya’s assassination. In YK’s care, the case is as good as dead. #WhoWantsTerroristDavinderSilenced
And why??
वहीं, कल राहुल गांधी ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की कथित 'खामोशी' को लेकर सवाल करते हुए कहा था कि दविंदर सिंह के खिलाफ त्वरित अदालत में मुकदमा चलना चाहिए और दोषी पाए जाने पर उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए। राहुल गांधी ने यह सवाल भी किया कि दविंदर सिंह की पुलवामा हमले में क्या भूमिका थी और उसे किसका संरक्षण मिल रहा था? उन्होंने ट्वीट कर कहा कि डीएसपी दविंदर सिंह ने तीन ऐसे आतंकवादियों को अपने घर पर पनाह दी और उन्हें दिल्ली ले जाते हुए पकड़ा गया जिनके हाथ में भारतीय नागरिकों का खून लगा है। उसके खिलाफ त्वरित अदालत में छह महीने के भीतर मुकदमा चलना चाहिए और अगर वह दोषी है तो उसे भारत के खिलाफ देशद्रोह के लिए कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
आपको बता दें कि बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के कुलगाम से दो आतंकियों के साथ डीएसपी देवेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया था। ये आतंकी दिल्ली में बड़े धमाका करने की साजिश रच रहे थे। देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा पर कई तरीके के सवाल खड़े हुए। इसके अलावा पूर्व पुलिसकर्मी को जो अवॉर्ड दिए गए थे, उन पुरस्कारों को भी वापस ले लिया गया है। गौरतलब है कि देवेंद्र सिंह को जम्मू-कश्मीर से दिल्ली लाने की तैयारी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले की जुड़ी जांच NIA को सौंप दी है। इसी के बाद विपक्ष इस मसले पर सवाल खड़े कर रहा है।