दलित, मुसलमान के बाद हनुमान जी की एक और जाति का लगा पता, सीएम योगी के मंत्री ने कहा- वह जाट थे
By: Pinki Fri, 21 Dec 2018 12:13:57
हनुमान जी को लेकर बयानबाजियों का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हनुमान जी दलित है उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायक बुक्कल नवाब (Bukkal Nawab) ने बजरंगबली को मुसलमान बता दिया है। बुक्कल नवाब का कहना है कि हनुमान जी मुसलमान थे, इसलिए मुसलमानों में जो नाम रखे जाते हैं - रहमान, रमज़ान, फरमान, ज़ीशान, कुर्बान - जितने भी नाम रखे जाते है, वे करीब-करीब उन्हीं पर रखे जाते हैं।' बुक्कल नवाब कहते हैं कि करीब 100 नाम ऐसे हैं, जो हनुमानजी पर ही आधारित हैं। हिंदू भाई हनुमान जी नाम रख लेंगें, लेकिन सुल्तान नहीं मिलेगा, अरमान, रहमान, रमजान नहीं रख सकते।'
वही अब हनुमान जी की एक और जाति का नेताओं ने पता लगा लिया है। अब हाल में जो बयान सामने आया है, उसके मुताबिक हनुमान जी जाट थे। योगी सरकार के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण का मानना है कि हनुमान जी जाट थे। समाचार एजेंसी ने एक वीडियो जारी किया है, उसके मुताबिक, चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि मेरा मानना है कि हनुमान जी जाट थे, क्योंकि किसी को भी परेशानी या फिर मुश्किल में पड़ा देखकर जाट किसी को जाने बिना भी बचाने के लिए कूद पड़ता है।'
इस पर समाजवादी पार्टी के एमएलसी राजपाल कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री, मंत्री, सभी हनुमानजी की जाति बताने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री हनुमान को दलित बताते हैं तो उनके एक मंत्री जाट बताते हैं। वहीं, अब बुक्कल नवाब उन्हें मुस्लिम बता रहे हैं। अब तो सरकार में ही एकजुटता नहीं दिख रही है।
#WATCH Uttar Pradesh Minister Chaudhary Lakshmi Narayan says ' I think Hanuman ji was a Jaat, because upon seeing someone being troubled a Jaat also jumps in even without knowing the issue or the people' pic.twitter.com/Scjme1PgCD
— ANI UP (@ANINewsUP) December 21, 2018
वहीं, राजस्थान चुनाव के दौरान अलवर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने हनुमान जी की जाति को लेकर बयान दिया था। उन्होंने हनुमान जी को दलित बताया था। भगवान हनुमान को दलित बताने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राज्य के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि भगवान को जातियों में बांटना गलत है। एक जनसभा को संबोधित करते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने विवादित बयान देने के लिए अपनी ही सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि भगवान को जातियों में बांटना गलत है और इसी विवाद की वजह से दलित समुदाय अब हनुमान मंदिरों को अपने अधिकार में लेने की मांग कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि 'भगवान राम और हनुमान जी के युग में इस देश में कोई जाति व्यवस्था नहीं थी, कोई दलित, वंचित, शोषित नहीं था। वाल्मीकी रामायण और रामचरितमानस को आप पढ़ेंगे तो आपको मालूम चलेगा कि उस समय को जाति व्यवस्था नहीं थी।' उन्होंने आगे कहा कि 'हनुमान जी आर्य थे। इस बात को मैंने स्पष्ट किया है, उस समय आर्य जाति थी और हनुमान जी उसी आर्य जाति के महापुरुष थे।'
हनुमान जी के जाति प्रमाण पत्र की मांग
बता दें कि इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के ही एक जिले में जहां दलित समुदाय द्वारा बजरंगबली के एक मंदिर पर कब्जे की खबर सामने आई, तो अब पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हनुमान जी का जाति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। इसके लिए बाकायदा आवेदन किया गया है।
जिला मुख्यालय पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के युवजन सभा के लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने बजरंगबली के जातिप्रमाण पत्र की मांग की। इसके लिये कार्यकर्ताओं ने बाकायदा जाति प्रमाण पत्र प्राप्त का आवेदन फॉर्म भरा। रोचक बात यह है कि कार्यकर्ताओं ने आवेदन फॉर्म में वांछित जानकारी भी भरी है। जैसे, बजरंगबली के पिता का नाम महाराज केशरी, जाति में वनवासी आदि भरा हुआ है। कार्यकर्ता फॉर्म लेकर कार्यालय में गए और जाति प्रमाणपत्र की मांग की। प्रगतिशील युवजन सभा के लोग हनुमान जी के दलित होने पर उनके आरक्षण की भी मांग कर रहे है।