स्वतंत्रता दिवस विशेष : भारतीय परिवेश से लेकर लोगों की मानसिकता तक आजादी के बाद देश में हुए ये बदलाव
By: Ankur Mon, 13 Aug 2018 7:42:13
भारत देश को बड़े कठिन परिश्रम और कई क्रांतिकारियों के बलिदान की वजह से आजादी मिली हैं। तब सभी भारतियों का एक ही लक्ष्य था, कि भारत स्वतंत्र हो। पूरा देश चरित्रवान था, खासकर भारतीय राजनीतिज्ञों का जीवन आदर्शों से भरा रहता था, लोग उनकी बातों को ध्यान से सुनते और अपनाने की कोशिश करते थे। लेकिन आजादी के बाद समय के साथ भारतीय परिवेश में कई बदलाव हुए और इसी के साथ लोगों की मानसिकता में भी कई बदलाव आए हैं। आज हम आपको आजादी के बाद हुए कुछ मुख्य बदलावों से अवगत कराने जा रहे हैं।
* परतंत्र भारत में जहां सभी चरित्रवान थे, आजादी के बाद चरित्रवानों का टोटा पड़ गया, आप किसी भी क्षेत्र में जाये चरित्रहीनों की संख्या सर्वाधिक हैं, ज्यादातर लोग भ्रष्टाचार में डूबे हैं, और अपने हिस्से का भारत लूट लेना चाहते हैं, जो नहीं लूट रहे, उन्हें मूर्ख समझा जाता हैं।
* आज की युवा पीढ़ी, अब देश और समाज तथा परिवार के लिए भी नहीं सोचती, उसे सिर्फ अपने लिए धन कमाना और ऐश करने से मतलब हैं, इनके लिए देश व समाज कोई मायने नहीं रखता, इनके लिए तो परिवार भी कोई मायने नहीं रखता, सेल्फमेड जिंदगी जीने में ये ज्यादा आनन्द अनुभव करते हैं।
* आज भारत खंडित हैं, आजादी के समय ही भारत दो टुकड़ें में बंट गया था, बाद में चीन और पाकिस्तान ने भी भारत के हजारों वर्ग किलोमीटर भूभाग पर कब्जा कर बैठा। पर किसी की हिम्मत नहीं कि इन हजारों वर्ग किलोमीटर हड़पी गयी जमीन को पुनः भारत में मिला लें।
* बहुत सारे भारतीय अब अमीर बन गये हैं, पर भारत के उपर विदेशियों का इतना कर्ज हैं कि भारत सरकार को बजट का बहुते हिस्सा तो ब्याज देने में खत्म हो जाता हैं।
* देश का लघु और कुटीर उद्योग पूरी तरह से बर्बाद हो चुका हैं, इसके जगह पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपना कब्जा जमा लिया हैं और देश की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से गिरवी हो गयी हैं।